मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बिहार के 90 हजार से अधिक बूथ स्तरीय अधिकारियों की सराहना की

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण को समय पर और सटीकता से पूरा करने के लिए बिहार के 90 हजार से अधिक बूथ स्तरीय अधिकारियों की सराहना की। चुनाव तैयारियों की दो दिवसीय समीक्षा के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्री कुमार ने मतदाता सूची की सटीकता में सुधार लाने में बूथ स्तरीय अधिकारियों की भूमिका की प्रशंसा की और उनके प्रयासों को अनुकरणीय और अन्य राज्यों के लिए एक मानक स्थापित करने वाला बताया।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने मतदान प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई 17 नए उपायों पर भी प्रकाश डाला। जिनमें से कुछ बिहार में पहले से ही लागू हैं। कुछ उपाय अन्य चुनावों के दौरान शुरू किए जाएंगे। प्रमुख बदलावों में 15 दिनों के भीतर मतदाता पहचान पत्रों का त्वरित वितरण, बूथ के आकार की सीमा तय करना और उम्मीदवारों के स्टॉल के लिए नियमों में ढील शामिल है। नई व्‍यवस्‍था के अनुसार प्रति बूथ एक हजार 200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे।

पहली बार, निर्वाचक पंजीयन अधिकारियों (ईआरओ) के लिए मानदेय की शुरुआत की गई है और बूथ स्‍तरीय अधिकारियों को बढ़ा हुआ पारिश्रमिक मिलेगा। मतदान केंद्रों के पास एक नई सुविधा के ज़रिए मतदाता मतदान के दौरान अपने मोबाइल फ़ोन जमा कर सकेंगे। इसके अलावा, एक वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म चुनाव के बाद तेज़ सेवाएँ प्रदान करेगा, जिसमें डिजिटल इंडेक्स कार्ड महीनों के बजाय कुछ ही दिनों में उपलब्ध होंगे।

कुमार ने बूथ स्‍तरीय अधिकारियों को उनके समर्पण के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके काम से न केवल बिहार को लाभ हुआ है, बल्कि पूरे भारत में भविष्य के चुनावी संशोधनों के लिए एक सशक्त उदाहरण स्थापित हुआ है।