Jharkhand:झारखंड : हेमंत सोरेन के मामले में जल्द ही स्थिति स्पष्ट करेगा राजभवन

राज्यपाल से मिला यूपीए प्रतिनिधिमंडल

रांची, 1 सितंबर (हि.स.)। झारखंड में जारी सियासी अनिश्चितता के बीच गुरुवार को यूपीए के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की। यूपीए ने राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा। राज्यपाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग का पत्र आया है। राजभवन दो तीन बिंदुओं पर अध्ययन कर रहा है। जल्द ही स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी।

कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा ने राजभवन से बाहर निकलने के बाद पत्रकारों को बताया कि राजभवन की ओर से बताया गया है कि राज्यपाल अभी कानूनी सलाह ले रहे हैं। राज्यपाल को पांच पन्ने का एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें कहा गया है कि 25 अगस्त से ही मीडिया में चर्चा है कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी है।

इसके समर्थन में अखबारों में प्रकाशित खबरों की प्रति भी शामिल की गयी है। राज्यपाल को सौंपी गयी चिट्ठी में कहा गया है कि आपके कार्यालय से एक खास तथ्य के लीक होने की वजह से झारखंड में अस्थिरता का माहौल है। राजनीतिक जगत से लेकर प्रशासनिक जगत तक में अनिश्चय की स्थिति है। आपके कार्यालय की ओर से सही जानकारी सार्वजनिक नहीं किये जाने की वजह से राज्य की एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की साजिश हो रही है।

सौंपे गये ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि राजभवन की ओर से केंद्रीय निर्वाचन आयोग को जो रिपोर्ट दी गयी है, उसके बारे में अब तक कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन राज्य के सबसे बड़े विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस रिपोर्ट के बारे में सार्वजनिक घोषणा कर दी है। इसी आधार पर वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इस्तीफा मांग रही है। इतना ही नहीं, राज्य में मध्यावधि चुनाव की संभावना भी जताई जा रही है।

ज्ञापन में कहा गया है कि मुख्यमंत्री की सदस्यता रद्द होने का सरकार पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। क्योंकि, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) गठबंधन के पास पूर्ण बहुमत है। इसलिए हम आग्रह करते हैं कि निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर राजभवन ने जो निर्णय लिया है, उसके बारे में स्थिति जल्द से जल्द स्पष्ट करें।

प्रतिनिधिमंडल में झामुमो सुप्रीमो और सांसद शिबू सोरेन, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, सांसद गीता कोड़ा, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, धीरज साहू, प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य सहित अन्य पदाधिकारी शामिल थे।

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