नई दिल्ली, 08 अप्रैल (हि.स.)। केन्द्र सरकार सहकारिता मंत्रालय को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में सहकारिता मंत्रालय सहकारिता नीति पर चिंतन, मंथन और विमर्श करने के लिए 12-13 अप्रैल को दिल्ली में एक सम्मेलन आयोजित करेगा। इस सम्मेलन में देश के लगभग 20 से अधिक राज्यों के अधिकारी, केन्द्र सरकार के कई मंत्रालय और कुछ सहकारी समितियां हिस्सा लेंगी।
सहकारिता मंत्रालय के सचिव डीके सिंह ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सहकारिता मंत्रालय कई नई योजनाओं के निर्माण की ओर कदम बढ़ा रहा है। जैसे कि पैक्स का डिजिटलीकरण, सहकारी समितियों के राष्ट्रीय डेटाबेस के निर्माण की योजना, सहकारी शिक्षण और प्रशिक्षण योजना और सहकारिता से समृद्धि योजना इत्यादि।
सिंह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय नई राष्ट्रीय सहकार नीति का भी निर्माण कर रहा है जो राष्ट्रीय सहकारी नीति 2002 को प्रतिस्थापित करेगी। इसी सन्दर्भ में नई सहकारिता नीति पर 12-13 अप्रैल को नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्घाटन गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह करेंगे। सहकारिता राज्यमंत्री बी. एल. वर्मा भी इस सम्मेलन में उपस्थित रहेंगे।
सिंह ने कहा कि इस सम्मेलन में दो दर्जन से अधिक केंद्रीय मंत्रालयों के सचिव और संयुक्त सचिव, सभी राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेशों के सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और रजिस्ट्रार सहकारिता और लगभग 40 सहकारी और अन्य प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों के प्रमुख भाग लेंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र को उचित गति प्रदान करने और सहकार से समृद्धि की प्राप्ति के उद्देश्य से 06 जुलाई 2021 को नए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया था।