नई दिल्ली, 27 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्राचीन भारतीय मूर्तियों को भारत लाने के अभियान का जिक्र करते हुये कहा कि वे मूर्तियां भारत की धरोहर और सांस्कृतिक महत्व की हैं। इससे हमारी आस्था और विश्वास जुड़े हुये हैं। चोरी हुई इन मूर्तियों को वापस लाना भारत मां के प्रति हमारा दायित्व है।
मन की बात की 86वीं कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश के कोने-कोने में एक-से-बढ़कर एक मूर्तियां हमेशा बनती रही हैं। उसमें हमारी श्रद्धा भी रही है। वे मूर्तियां हमारे सामर्थ्य और कौशल के साथ-साथ भारत की विविधताओं का प्रतीक रही हैं। हमारी सभी मूर्तियों के इतिहास में तत्कालीन समय का प्रभाव भी नजर आता है।
इसी क्रम में प्रधानमंत्री ने मूर्ति चोरी की बात कही। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले तमिलनाडु के वेल्लूर से भगवान आंजनेय्यर (हनुमान जी) की प्रतिमा चोरी हो गई थी। हनुमानजी की यह मूर्ति 600-700 साल पुरानी थी। इस महीने की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में यह मूर्ति प्राप्त हुई है।
आगे उन्होंने कहा कि इस महीने की शुरुआत में इटली से अपनी एक बहुमूल्य धरोहर को लाने में सफलता मिली है। यह धरोहर अवलोकितेश्वर पद्मपाणि की हजार साल से भी ज्यादा पुरानी प्रतिमा है। यह मूर्ति कुछ वर्ष पहले बिहार में गयाजी के देवी स्थान कुंडलपुर मंदिर से चोरी हो गई थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत में बहुत सारी मूर्तियां चोरी होकर भारत से बाहर जाती रहीं। कभी इस देश में, कभी उस देश में ये मूर्तियां बेचीं जाती रहीं। न उनको उसके इतिहास से लेना देना था, न श्रद्धा से लेना देना था। इन मूर्तियों को वापस लाना भारत मां के प्रति हमारा दायित्व है।