कीव, 27 फरवरी (हि.स.)। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र घर वापसी के लिए मदद मांग रहे हैं। यूक्रेन की पोलैंड और हंगरी से लगी सीमा पर अभी भी सैकड़ों भारतीय फंसे हुए हैं। यहां करीब -7 डिग्री तापमान के बीच छात्र बॉर्डर पर पहुंचे हैं। युद्ध के बीच यूक्रेन में कई भारतीयों के पास शेल्टर, भोजन और पैसे की सुविधा नहीं है। उनके मोबाइल फोन भी बंद होने के कगार पर हैं।
रूस के हमले की वजह से यूक्रेन में करीब 16 हजार भारतीय फंसे हैं, जिनमें से अधिकतर छात्र हैं। भारत ने अपने नागरिकों को निकालने के लिए शनिवार को ‘ऑपरेशन गंगा’ शुरू किया। पहली निकासी उड़ान एआई1944 से बुखारेस्ट से 219 लोगों को मुंबई लाया गया। एयर इंडिया की दूसरी निकासी उड़ान यूक्रेन में फंसे 250 भारतीय नागरिकों को लेकर रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से रविवार तड़के दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंची। इस बीच बुडापेस्ट (हंगरी) से 240 भारतीय नागरिकों को लेकर ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत तीसरी उड़ान दिल्ली के लिए रवाना हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन के गॉर्ड्स भारतीयों को चेक प्वॉइंट पार करने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। गार्ड्स की ओर से छात्रों से बॉर्डर पार कराने के लिए घूस मांगने की शिकायतें भी आई हैं। शुभम नाम के एक छात्र ने कहा कि हम बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। हमें यहां वीडियो बनाने के लिए मना किया गया है। एक अन्य छात्र ने कहा कि एंबेसी की ओर से जारी एडवाइजरी को फॉलो करते हुए हम सभी पोलैंड बॉर्डर पर पहुंचे हैं। यहां हमें रोक लिया गया है। अब हम क्या करें।