Maulana Arshad Madani देश को तबाह कर देगा धार्मिक अतिवाद : मौलाना अरशद मदनी

नई दिल्ली, 26 फरवरी (हि.स.)। जमीयत उलेमा-ए-हिंद की कार्यसमिति की बैठक मौलाना अरशद मदनी की अध्यक्षता में राजधानी दिल्ली स्थित मुख्यालय में हुई। बैठक में देश की वर्तमान स्थिति और कानून-व्यवस्था पर गहरी चिंता जताई गई। साथ ही मुसलमानों से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण मामलों और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की गई। इनमें आधुनिक शिक्षा, लड़के और लड़कियों के लिए स्कूल और कॉलेज की अलग स्थापना विशेषकर लड़कियों के लिए दीनी माहौल में शैक्षिक संस्थानों की स्थापना, समाज सुधार के तरीकों अथवा आधिकारिक एवं संगठन के कार्यों पर विस्तार से चर्चा की गई। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि धर्म के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा स्वीकार्य नहीं हो सकती। धार्मिक अतिवाद देश को तबाह कर देगा।

बैठक में कहा गया कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद देश में बसने वाले सभी धार्मिक, भाषाई और सांस्कृतिक इकाईयों के बीच प्यार-मुहब्बत के जज्बे को बढ़ावा देने के लिए हर स्तर पर प्रयास करती आई है और कर रही है। देश के बुद्धिजीवियों, सामाजिक संगठनों और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंध रखने वाले लोगों को देश के बिगड़ते हुए माहौल को बचाने का प्रयास करना चाहिए।

मदनी ने कहा कि धर्म मानवता, सहिष्णुता और प्रेम का संदेश देता है। इसलिए जो लोग इसका प्रयोग नफरत और हिंसा के लिए करते हैं, वह अपने धर्म के सच्चे अनुयायी नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ राजनेता बहुसंख्यकों को अल्पसंख्यकों के खिलाफ लामबंद करने के लिए धार्मिक अतिवाद का सहारा ले रहे हैं। आज हमारे सामने सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि यह देश किसी विशेष धर्म की विचारधारा से चलेगा या धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत पर।

उन्होंने कहा कि देश की स्थिति निसंदेह निराशाजनक है लेकिन हमें निराश होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इस देश में एक बड़ी संख्या न्यायप्रिय लोगों की मौजूद है।

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