नई दिल्ली, 26 फ़रवरी (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की गई है कि स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाली नशीले ड्रग्स और पेय के उत्पादन, वितरण और उपभोग पर नियंत्रण की मांग की गई है। याचिका भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर किया है।
याचिका में कहा गया है कि संविधान की धारा 21 के तहत स्वास्थ्य का अधिकार मिला हुआ है। याचिका में मांग की गई है कि शराब की बोतलों और पैकेट में उसी तरह की चेतावनी छापी जानी चाहिए जैसा कि सिगरेट के पैकेटों पर छपा होता है। अखबारों, टीवी और सोशल मीडिया पर भी शराब के विज्ञापन पर सिगरेट की तरह की चेतावनी जारी की जानी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि नशीले ड्रग्स और पेय के दुष्परिणामों को जानना सूचना के अधिकार के अलावा संविधान की धारा 21 के तहत जनता का अधिकार है।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के 280 नगर निगम वार्ड हैं। 2015 तक दिल्ली में केवल ढाई सौ शराब की दुकानें थीं। अब दिल्ली सरकार इनकी संख्या मनमाने तरीके से बढ़ाकर हर वार्ड में एक शराब की दुकान खोलना चाहती है। दिल्ली सरकार की ये योजना न केवल मनमाना है बल्कि ये स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन भी है। याचिका में कहा गया है कि शराब का सेवन धूम्रपान से दसगुना ज्यादा खतरनाक है। इसलिए शराब की बोतलों पर न केवल चेतावनी होनी चाहिए बल्कि ये भी बताना चाहिए कि शराब का कंटेंट क्या है।