फिल्म जगत के मशहूर निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा का जन्म 27 फरवरी, 1952 को बिहार में हुआ था। प्रकाश झा ने अपने करियर की शुरुआत साल 1974 में प्रदर्शित डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘अंडर द ब्लू’ के निर्माण से की। इसके बाद प्रकाश झा ने लगभग आठ साल के लम्बे अंतराल के बाद साल 1983 में एक और डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जिसका नाम था ‘फेसेज आफ्टर द स्टॉर्म ‘। इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म की रिलीज के कुछ दिनों बाद ही इसे बैन कर दिया गया। हालांकि इस फिल्म के बैन होने के बावजूद प्रकाश झा को इस फिल्म के लिए ‘नेशनल अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। एक फीचर फिल्म निर्देशक के रूप में प्रकाश झा की पहली फिल्म ‘हिप-हिप हुर्रे’ थी, जो साल 1984 में प्रदर्शित हुई थी। बिहार के बंधुआ मजदूरों की कहानी पर आधारित इस फिल्म में दीप्ती नवल और राज किरण मुख्य भूमिकाओं में थे। इस फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया, जिसके बाद प्रकाश झा ने सामाजिक मुद्दों पर आधारित कई सशक्त एवं मनोरंजक फिल्में बनाईं।
प्रकाश झा ने अपनी फिल्मों के माध्यम से प्रकाश झा ने समाज में व्याप्त बुराइयों को उजागर कर समाज को अच्छा सन्देश दिया है। उनकी प्रमुख फिल्मों में दामुल, मृत्युदंड, गंगाजल, अपहरण, राजनीति, आरक्षण, सत्याग्रह, सांड की आंख आदि शामिल हैं। प्रकाश झा ने फिल्मों के निर्देशन के साथ-साथ कई फिल्मों को प्रोड्यूस भी किया है, जिसमें खोया-खोया चांद, टर्निंग 30 , ये साली जिंदगी, लिपस्टिक-अंडर माई बुर्का, फ्रॉड सइया आदि शामिल हैं। इसके अलावा प्रकाश झा फिल्म ‘जय गंगाजल’ और ‘सांड की आंख’ में अभिनय करते भी नजर आये। प्रकाश झा ने साल 1985 में अभिनेत्री दीप्ती नवल से शादी की, लेकिन साल 2002 में दोनों का तलाक हो गया। प्रकाश झा और दीप्ती का अपना कोई बच्चा नहीं है, दोनों ने एक लड़की को गोद लिया था, जिसका नाम दिशा है।
प्रकाश झा अब भी फिल्म जगत में सक्रिय हैं और जल्द ही दर्शकों के सामने फिल्म ‘चक्रव्यूह ‘ लेकर आएंगे।