Bhopal Madhya Pradesh Trapped Ukraine : भोपाल: यूक्रेन में फंसे हैं मध्यप्रदेश के 122 विद्यार्थी, सुरक्षित वापसी का इंतजार

भोपाल, 26 फरवरी (हि.स.)। रूस के हमलों से यूक्रेन के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। ऐसे में वहां रहकर पढ़ाई करने वाले भारतीय विद्यार्थियों के परिजन उनके सलामत होने की दुआएं मांग रहे हैं और सरकार से उनकी वापसी की गुहार लगा रहे हैं। मध्यप्रदेश के भी 122 विद्यार्थियों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचनाएं सीएम हेल्पलाइन पर राज्य सरकार को मिली हैं।

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. राजेश राजौरा ने शनिवार को बातचीत में बताया कि सीएम हेल्पलाइन पर लगातार मध्यप्रदेश के व्यक्तियों के यूक्रेन में होने की सूचनाएं मिल रही हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रदेश के सभी नागरिक यूक्रेन में सुरक्षित हैं और उनकी वापसी के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। भारतीय दूतावास द्वारा हंगरी तथा रोमानिया से निकासी के लिए सीमा पोस्ट ऊझोरोड और चेरनेविस्टी तथा कीव पोलेंड से निकासी के लिए सीमा पोस्ट क्रकोविच द्वारा सलाह के बारे में बताया गया है। भारी गोलाबारी को ध्यान में रखते हुए सभी से कहा गया है कि दोनों दूतावास द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए सुरक्षा को ध्यान में रखें।

यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट्स के परिजन अपने बच्चों के सुरक्षित लौट आने के इंतजार में टीवी पर नजरें गड़ाए हैं। इंदौर के तिरुपति नगर में रहने वाले प्रणय के पिता प्रो अखिलेश राव ने बताया कि उनका 23 साल का बेटा प्रणय राव यूक्रेन (टर्नोपिल) यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध ने हमारी चिंता कई गुना बढ़ा दी है। बेटे को कुछ दिनों पहले ही बोला था कि वापस आ जाओ। कल ही यूनिवर्सिटी ने कहा कि क्लास ऑफलाइन नहीं ऑनलाइन लगेगी। यूनिवर्सिटी पहले ही क्लियर कर देती तो बेटा हमारे पास आ जाता।

यूक्रेन के उडेसा शहर में फंसे सागर जिले के रहने वाले अक्षय पटेल ने बताया कि हमें बस से रोमानिया पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। यहां से भारत की फ्लाइट का टिकट बुक हो गया है। अक्षय का कहना है कि जल्द ही भारतीय स्टूडेंट्स को लेकर एक बस उडेसा से रोमानिया के लिए रवाना होगी। इंडियन एंबेसी की ओर से एडवाइजरी मिली है। इसमें ग्रुप में कॉन्ट्रेक्टर के मार्फत अथवा कॉलेज प्रबंधन की ओर से ग्रुप बनाकर रोमानिया पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। करीब 50 छात्रों को टिकट बुक होने की सूचना भी मिल चुकी है।

यूक्रेन में पढ़ाई करने गए महाकौशल-विंध्य के पांच छात्र वहां फंस गए हैं। इनमें से दो छात्र शहडोल के हैं तो एक-एक छात्र सीधी, कटनी और डिंडौरी के हैं। वे यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए हैं। इसी तरह डिंडौरी जिले के छात्र सवुज विश्वास को रूस की भारी गोलाबारी के बीच बंकर में छिपाया गया है। वहीं, सीधी जिले का जमोड़ी निवासी छात्र आदर्श गौतम युद्ध के कारण घर में ही कैद है।

शहडोल जिले के बुढार क्षेत्र निवासी दो चचेरे भाई ऋषिकेश त्रिपाठी व इशांक त्रिपाठी ने वीडियो जारी कर वापस लौटने की इच्छा जताई है। बच्चों के बड़े पिता डा. मदन त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर बच्चों को सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई है। शिवराज ने भी मदद करने की बात कही है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कटनी की छात्रा सुनिधि सिंह के अलावा प्रदेश की दो छात्राओं के लिए विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन से फोन पर चर्चा की है। मुरलीधरन ने आश्वस्त किया है कि सभी की सुरक्षित वापसी होगी।

छतरपुर के हेमंत श्रीवास ने अपने परिजनों को वीडियो काल पर दर्द बयां करते हुए बताया कि यूक्रेन के बॉर्डर एरिया में फंसा हुआ हूं। धमाकों से पूरे क्षेत्र में हड़कम्प का माहौल है। मैं और दूसरे स्टूडेंट बचने के लिए यहां-वहां भाग रहे हैं। 24 घंटे अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन में छिपे रहे। कुछ खाने को नहीं मिला तो मुश्किल से हॉस्टल पहुंचे। हर आधे घंटे में धमाके की आवाज सुनाई दे रही है। बिल्डिंग के नीचे भी छिपने के लिए बंकर बनाए गए हैं।’

इसी तरह यूक्रेन में फंसे अन्य भारतीय विद्यार्थियों का हाल है। वे अपनी जान बचाने के लिए यहां-वहां छिप रहे हैं। बंकर में ईंट-पत्थरों पर सो रहे हैं। देवास जिले की शिवानी प्रजापति भी यूक्रेन से एमबीबीएस कर रही हैं। दूसरे स्टूडेंट्स की तरह वह भी जल्द देश लौटना चाहती हैं। क्षेत्रीय विधायक गायत्री राजे पवार ने शनिवार को शिवानी से वीडियो कॉल पर बात की। शिवानी ने बताया कि अभी हम सब हॉस्टल में हैं, लेकिन हालात बहुत खराब हैं।

हरदा जिले की अंजलि वेणीपुरी से एक दिन पहले कृषि मंत्री कमल पटेल ने वीडियो काल कर बात की थी। वह यूक्रेन के खार्किव शहर से एमबीबीएस कर ही हैं। अंजलि ने बताया कि लगातार ब्लास्ट हो रहे हैं। मैं और मेरे 9 फ्रेंड्स अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन में छिपे हुए हैं। मेरा फ्लैट यहां से एक किलोमीटर दूर है। खाना खाने ही फ्रेंड्स के साथ फ्लैट तक जाते हैं। हमारा खाना भी खत्म हो रहा है।

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