अयाेध्या, 26 फरवरी (हि.स.)। विश्व कल्याण के लिए तपस्वी छावनी आश्रम पर शनिवार काे विश्व कल्याण महायज्ञ का आयाेजन किया गया। महायज्ञ तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगद्गुरू स्वामी परमहंस आचार्य के संयाेजन में सम्पन्न हुआ। वैदिक ऋचाओं द्वारा साधु-संतों ने महायज्ञ में आहुतियां डाली।
इस माैके पर जगद्गुरु स्वामी परमहंस आचार्य ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि विश्व कल्याण के लिए तपस्वी छावनी आश्रम पर विश्व कल्याण महायज्ञ का आयाेजन हुआ। जिस तरह से रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष शुरू हाे गया है। उससे इस समय तीसरे विश्व युद्ध की स्थिति पैदा हाे गई है। यदि कहीं तृतीय विश्व युद्ध हाेता है ताे इसका खामियाजा कहीं न कहीं विश्व काे भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की है। हम इसके अनुयायी हैं। पूरे विश्व काे अपना परिवार मानते हैं और सर्वे भवंतु सुखिन: की कामना करते हैं। इसी उद्देश्य से वैदिक ऋचाओं के द्वारा हवन करके भगवान से प्रार्थना किया है कि सबकाे सद्बुद्धि आए। आपस में लाेगाें का साैहार्द और प्रेम बढ़े। एक-दूसरे के विनाश के लिए जाे लाेग तुले हैं वह आपसी भाईचारे की ओर अब कदम बढ़ायें। क्याेंकि अगर तृतीय विश्व युद्ध हाेता है। ताे पूरे विश्व का नुकसान हाेगा। बहुत से बेगुनाह मारे जायेंगे। कई देशाें काे आर्थिक क्षति भी हाेगी।
उन्होंने कहा भारत ऋषि-मनीषियाें और साधु-संतों का देश है। विश्व कल्याण के लिए वेद-पुराण में जाे बताया गया है। उसके अनुसार हम लोग हमेशा पूजा-यज्ञ, अनुष्ठान आदि करते रहते हैं। जगद्गुरु परमहंस ने कहा कि इस विश्व कल्याण महायज्ञ के माध्यम से हम साधु-संतों ने ईश्वर से प्रार्थना किया है कि तृतीय विश्व युद्ध रूके। पूरे विश्व का कल्याण हाे। प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी के नेतृत्व में पूरे विश्व में फिर से रामराज्य का माहाैल बने। विश्व कल्याण महायज्ञ में कई साधु-संत सम्मिलित रहे।