नई दिल्ली, 25 फरवरी (हि.स.)। साल 1988 के रोडरेज केस में मारे गए शख्स गुरनाम सिंह के परिजनों ने एक नई अर्जी दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ मारपीट के बजाए ज़्यादा संगीन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस नई अर्जी पर सुनवाई करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू से जवाब मांगा है। दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 12 सितंबर 2018 को नवजोत सिंह सिद्धू की सजा बढ़ाने की मांग करने वाली पीड़ित पक्ष की ओर से दाखिल याचिका पर नवजोत सिंह सिद्धू को नोटिस जारी किया था। 15 मई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया था, लेकिन धारा 323 का दोषी पाया था और उन पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने सह अभियुक्त रुपिंदर सिंह संधू को भी बरी कर दिया था।
मामला 1988 में पटियाला में हुई मारपीट की एक घटना का है। ट्रायल कोर्ट ने सिद्धू को बरी कर दिया था, जबकि हाई कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू और रुपिंदर सिंह संधू दोनों को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराते हुए 3 साल की सज़ा मुकर्रर की थी। सिद्धू के वकील ने ये दावा किया था कि 1988 में गुरनाम की मौत की वजह सिद्धू का घूंसा नहीं, बल्कि दिल का दौरा थी। निचली अदालत ने सिद्धू को बरी कर दिया था, लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने उन्हें 3 साल की सजा दी थी।
सिद्धू की तरफ से कहा गया था कि इस मामले में कोई भी गवाह खुद से सामने नहीं आया। जिन भी गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं उनको पुलिस सामने लाई थी। गवाहों के बयान विरोधाभासी हैं। सिद्धू के वकील ने चश्मदीद गवाह की सच्चाई पर सवाल उठाए। गुरनाम के भतीजे ने कहा था कि पुलिस ने उनकी कार को तुरंत कब्ज़े में लिया था। पर जांच अधिकारी इससे मना कर चुके हैं।