जामताड़ा/धनबाद, 24 फ़रवरी (हि.स.)। झारखंड के जामताड़ा जिले में बड़ा हादसा हुआ है। यहां बराकर नदी में यात्रियों से भरी नाव पलटने से 16 लोग डूब गए हैं। हादसा धनबाद के बारबेंदिया और जामताड़ा जिले के वीरगांव-श्यामपुर घाट के बीच हुआ है। नाव पर सवार लोग निरसा से जामताड़ा जा रहे थे। पुलिस-प्रशासन की ओर से राहत एवं बचाव अभियान जारी है। डूबने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि नाव में करीब 18 लोग सवार थे। जामताड़ा के पुलिस अधीक्षक दीपक सिन्हा और एसडीएम संजय पांडेय मौके पर पहुंच गये हैं।
उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज ने बया कि कि एनडीआरएफ की टीम मंगाई जा रही है। जल्द ही पानी में डूबे लोगों को बचाकर कर बाहर निकाला जाएगा।
उधर, जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि नाव पलटने से कई लोगों के डूबने की आशंका है, जिसकी प्रशासनिक स्तर पर पुष्टि नहीं हुई है।
बारबेंदिया पुल के नजदीक हुआ हादसाः हादसा स्थल बराकर नदी में बारबेंदिया पुल के नजीदक हुआ है। झारखंड के धनबाद के बारबेंदिया और जामताड़ा जिले बीच बड़ी संख्या में लोग नाव से आना-जाना करते हैं। साढ़े चार बजे के करीब निरसा के बांरबेंदिया घाट से नाव पर सवार होकर लोग जामताड़ा की तरफ जा रहे थे। बीच नदी में नाव पलट गई। इससे नाव पर सवार लोग डूब गए।
आंधी-पानी के कारण हुआ हादसा
नाव पलटने के लिए आंधी-पानी को कारण बताया जा रहा है। गुरुवार की शाम करीब पांच बजे तेज हवा और गरज के साथ बारिश शुरू हुई है। जब तेज हवा के साथ बारिश शुरू हुई तो नाव बीच नदी में थी। तेज हवा की चपेट में नाव आकर पलट गई।
अब तक किसी का शव बरामद नहीं
जामताड़ा-धनबाद सीमा पर स्थित बरबेंदिया पुल के पास नौका डूबने से 16 लोगों के लापता होने की खबर है। समाचार लिखे जाने तक किसी भी व्यक्ति का शव बरामद नहीं हो सका है। बताया जाता है कि नौका पर ज्यादातर जामताड़ा जिले के लोग सवार थे। सभी धनबाद के मजदूरी कर व अन्य जरूरी काम के बाद निरसा घाट पर इस नौका पर सवार हुए थे।
उल्लेखनीय है कि वीरग्राम व बारबेंदिया के बीच साल 2007 में 36 करोड़ 87 लाख रुपये की प्राक्कलित राशि से पुल निर्माण का कार्य शुरू हुआ था लेकिन 18 अगस्त 2009 को पुल के 56 पीलर में से पांच पीलर पानी के तेज बहाव में बह गए थे.। इसके बाद यह पुल अधूरा रह गया।