बेंगलुरु, 24 फरवरी (हि.स.)। स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट की पूर्ण पीठ में गुरुवार को भी सुनवाई हुई। कोर्ट ने शुक्रवार तक सभी दलीलें पूरी करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट में शुक्रवार को भी सुनवाई होगी।
गुरुवार को भी कर्नाटक हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा दीक्षित और न्यायमूर्ति सुश्री खाजी जयबुन्निसा मोहिद्दीन की पीठ के सामने स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के मामले में सुनवाई हुई। इसके कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार दोपहर 2.30 बजे तक कार्यवाही स्थगित करते हुए फैसला सुनाया कि हिजाब पहनने के मामले से संबंधित सभी तर्क कल तक समाप्त हो जाने चाहिए। कोर्ट ने अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ के वरिष्ठ अधिवक्ता कीर्ति सिंह की एक याचिका को खारिज कर दिया। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवादगी ने कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के खिलाफ कुछ शिक्षकों की शिकायतों का हवाला देते हुए एक सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट प्रस्तुत की।
विनियमों का धर्म से कोई लेना-देना नहीं
वरिष्ठ अधिवक्ता गुरु कृष्णकुमार ने प्रतिवादी संख्या 8, उडुपी के एक व्याख्याता के के पक्ष में अपनी दलीलें दीं। उन्होंने तर्क दिया कि महाधिवक्ता ने कुरान के कुछ हिस्से रखे थे, जो याचिकाकर्ता के दावे के विपरीत हैं। नियम याचिकाकर्ताओं की गतिविधियों से निपट रहे हैं जो धार्मिक नहीं हैं, बल्कि एक ऐसी गतिविधि है जो धर्मनिरपेक्ष-शिक्षा है।
इस्लाम में हिजाब अनिवार्य
वरिष्ठ अधिवक्ता एएम डार ने कोर्ट को बताया कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य है। यह कुरान में आया है और यह अल्लाह की आखिरी आज्ञा है। अल्लाह की पहली आज्ञा है रोज़ाना पांच नमाज़, दूसरी ज़कात, तीसरी विरासत पर हुक्म, चौथी रोज़ा और पांचवां हज है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि कुरान में हिजाब शब्द नहीं है। शील की रक्षा और सभी मुस्लिम मूल्यों की रक्षा के लिए आपको अपना सिर, चेहरा और छाती ढकनी होगी। हम यह नहीं कह रहे हैं कि हम बुर्का पहनकर स्कूल जाएंगे। हम सिर्फ सिर, चेहरा और छाती ढक रहे हैं।
जीओ को रद्द करना होगा
वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कोर्ट में तर्क दिया कि जीओ को रद्द करना होगा। यदि जीओ हटता है तो मौलिक अधिकारों के प्रयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी पक्षों को शुक्रवार तक अपनी दलीलें प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी।
कर्नाटक में एक और विवाद उठा
इसी बीच कर्नाटक हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद राज्य के एक कॉलेज प्रबंधन ने अमृतधारी सिख लड़की को पगड़ी हटाने के लिए कहा है। इसके बाद लड़की के पिता ने भी कानूनी रॉय लेने की बात कही है।