नई दिल्ली, 24 फरवरी (हि.स.)। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के वैज्ञानिकों की एक संयुक्त टीम ने देश में पहली बार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और विंध्याचल के बीच 100 किलोमीटर से अधिक दूरी पर क्वांटम की डिस्ट्रिब्यूशन लिंक का सफलतापूर्वक परखा है। यह तकनीकी सफलता उस क्षेत्र में पहले से ही उपलब्ध वाणिज्यिक ग्रेड के ऑप्टिकल फाइबर पर हासिल की गई। यह तकनीक सुरक्षा एजेंसियों को स्वदेशी प्रौद्योगिकी की बुनियाद के साथ एक उपयुक्त क्वांटम संचार नेटवर्क की योजना बनाने में समर्थ बनाएगी।
रक्षा मंत्रालय प्रवक्ता के मुताबिक इस सफलता के साथ ही देश ने सैन्य ग्रेड संचार सिक्योरिटी की हायरेरर्की बूटस्ट्रैपिंग के लिए सिक्योर की ट्रांसफर संबंधी स्वदेशी तकनीक को परखा है। इस क्रम में मापदंडों को 10 किलो हर्ट्ज तक की दरों पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के दायरे में पाया गया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने इस प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और आईआईटी दिल्ली के शिक्षकों को बधाई दी।
उन्होंने इसमें शामिल वैज्ञानिक समुदाय के लिए अपने संदेश में कहा कि यह डीआरडीओ और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के बीच साथ मिलकर अनुसंधान करने का एक दमदार उदाहरण है। आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने भी देश की तकनीकी दक्षता को बेहतर करने के समर्पित प्रयासों के तहत इस कार्य से जुड़े आईआईटी दिल्ली के शिक्षकों और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी।