नई दिल्ली, 23 फरवरी (हि.स.)। कोरोना के खिलाफ जंग में भारत के टीकाकरण कार्यक्रम की यात्रा को विदेशी शिक्षण संस्थाओं ने सफल बताया है। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और इंस्टीट्यूट ऑफ कॉम्पीटीटिवनेस ने बुधवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में भारत की वैक्सीन डेवलमेंट स्टोरी और विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम की यात्रा पर किए गए अध्ययन की विस्तृत रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में फ्रंटलाइन और स्वास्थ्य कर्मचारियों की मेहनत एवं तकनीकी नवाचार(कोविन ऐप) पर जोर देते हुए टीकाकरण अभियान को देश के लोगों के लिए सफल बताया गया है। रिपोर्ट में टीके को लेकर झिझक, तकनीकी चुनौतियां, टीके के परिवहन और दूरदराज के क्षेत्रों में इसकी पहुंच पर सघनता से चर्चा की गई है।
इस मौके पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि मजबूत राजनीतिक प्रतिबद्धता और हितधारकों के बीच बेहतर तालमेल के कारण विश्व में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हो पाई है। उन्होंने कहा कि भारत की विशाल विविधता होने के बावजूद, देश ने न केवल कोरोना के विरुद्ध सफल लड़ाई लड़ी बल्कि भविष्य के स्वास्थ्य संकट के लिए दुनिया के लिए खाका तैयार किया। भारत की वैज्ञानिक क्षमता कई स्वदेशी टीकों के विकास से विश्व के सामने आई।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के साथ राज्यों से मिले सहयोग से दुनिया के सबसे बड़े कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान को सफल बनाया गया है।
इस मौके पर स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ता अमित कपूर ने बताया कि भारत जैसे विशाल देश में टीकाकरण अभियान के सामने कई चुनौतियां थी, जिसमें तकनीक का अभाव और वैक्सीन को लेकर झिझक प्रमुख समस्याएं थीं। लेकिन सरकारी कोशिशों और प्रयासों से टीकाकरण को तेज गति मिली।