नई दिल्ली, 23 फ़रवरी (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने व्हीसल ब्लोअर प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। बुधवार को चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कानून बनाना और उसे लागू करना पूरे तरीके से संसद का विशेषाधिकार है। कोई भी अदालत उसे इसके लिए निर्देश नहीं दे सकती है।
दरअसल, एक याचिका दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के सीनियर चीफ मेडिकल अफसर डॉक्टर मोहम्मद एजाजुर रहमान ने दायर किया था। याचिका में कहा गया था कि केंद्र सरकार ने अभी तक व्हीसल ब्लोअर एक्ट और उसके रेगुलेशन से जुड़े प्रावधानों को लागू करने के लिए कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। यह एक्ट 2014 में लाया गया था। ये एक्ट ईमानदार नागरिकों और लोकसेवकों की सुरक्षा के लिए लाया गया था।
बुधवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील पायल बहल ने कहा कि इस कानून को लागू नहीं करने की वजह से भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। याचिका में कहा गया था कि व्हीसल ब्लोअर एक्ट की धारा 13 के तहत केंद्र सरकार को इसे लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी करने का अधिकार मिला हुआ है लेकिन केंद्र सरकार इसे लागू नहीं कर रही है।