हमीरपुर, 22 फरवरी (हि.स.)। एक पखवाड़े तक सुबह से लेकर देर रात तक गुलजार रहने वाले प्रत्याशियों के कार्यालयों में मतदान के बाद ताले लटक रहे हैं। क्षेत्र से आने वाले कार्यकर्ता कार्यालयों में ताला लटकता देखकर मायूस होकर बैरंग लौट रहे हैं।
विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने के बाद सभी प्रमुख दलों के उम्मीदवारों ने कस्बे में अलग-अलग स्थानों में कार्यालय खोलकर चुनाव प्रचार शुरू किया था। एक पखवारे तक यह सभी कार्यालय सुबह से लेकर देर रात तक कार्यकर्ताओं की चहलकदमी से गुलजार रहते थे। मतदान के दिन तक यह सभी कार्यालय देर रात तक गुलजार थे। लेकिन मतदान की समयावधि समाप्त होते ही इनमें ताले लटक लग गए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले कार्यकर्ता कार्यालयों में ताला लटकता देखकर मायूस होकर घरों को लौट जाते हैं। भाजपा कार्यकर्ता नीलकंठ धुरिया, सीताराम गुप्ता, सपा कार्यकर्ता संदीप यादव, जुम्मन खान, राजेश खंगार, प्रदीप कुशवाहा, बसपा कार्यकर्ता रविशंकर वर्मा, अरुण वर्मा, राजेश पाल, कांग्रेस कार्यकर्ता महेश गुप्ता, ज्ञानू सिंह, महेश भदौरिया आदि का कहना है कि चुनाव कार्यालय मतगणना तक अवश्य खुलना चाहिए।
मतदान के बाद कहां कैसा रुझान रहा कौन आगे रहेगा कौन पीछे यह कार्यकर्ता के द्वारा ही पता चलता है। इसलिए चुनाव कार्यालय फीडबैक लेने के लिए अवश्य खुलना चाहिए। वहीं राजनैतिक दलों के नेताओं का कहना है कि यह कार्यालय जिला निर्वाचन अधिकारी की अनुमति से महज मतदान तिथि तक खुलते हैं। इसके बाद इनको संचालित करना आचार संहिता का उल्लंघन है। इस वजह से इनको बंद कर मुख्यालय के पार्टी कार्यालय नियमित खोले जा रहे हैं।