नई दिल्ली/मुंबई, 22 फरवरी (हि.स.)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि रूस-यूक्रेन संकट और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में तेजी भारत में वित्तीय स्थिरता के लिए एक चुनौती है। सीतारमण ने मंगलवार को वित्तीय स्थिरता विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठक के बाद आयोजित प्रेंस कांफ्रेंस के दौरान यह बात कही। वित्त मंत्री देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बजट-बाद परिचर्चा को लेकर दो दिवसीय दौरे पर हैं।
वित्त मंत्री ने बताया कि इन दोनों मुद्दों पर एफएसडीसी की बैठक में विचार किया गया, जिसमें सभी वित्तीय क्षेत्र के नियामक शामिल हैं। सीतारमण ने कहा कि ”यह कहना मुश्किल है कि कच्चे तेल की कीमत कहां तक जाएगी। एफएसडीसी की बैठक में भी हमने उन चुनौतियों पर गौर किया है, जिससे वित्तीय स्थिरता को खतरा है। कच्चा तेल उनमें से एक है।”
सीतारमण ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थिति चिंताजनक है, ”हम यूक्रेन में विकसित हो रही स्थिति के लिए एक राजनयिक समाधान चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत बढ़कर 96 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा हो गया है। देश इस पर नजर रख रहा है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियां खुदरा कीमतों पर फैसला करेंगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर तनाव से व्यापार पर असर नहीं पड़ा है लेकिन सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है।”
उन्होंने कहा कि कहा कि सरकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की खामियों को देख रही है। हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए समय-सीमा पर पूछे गए सवालों को टाल दिया। हालांकि सीतारमण ने कहा कि बाजार में इसको लेकर चर्चा और रुचि है। सरकार इस संबंध में आगे कदम बढ़ा रही है।