नई दिल्ली, 19 फरवरी (हि.स.)। पाकिस्तान से शनिवार को प्रकाशित अधिकांश समाचार पत्रों ने प्रधानमंत्री इमरान खान का एक बयान प्रमुखता से प्रकाशित किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि नवाज शरीफ को विदेश जाने देना बहुत बड़ी गलती थी। उनका कहना है कि विपक्ष शौक से अविश्वास प्रस्ताव लाए, उसका पूरी तरह से मुकाबला करेंगे। उनका कहना है कि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को देखते हुए सभी तैयारियां कर ली गई हैं।
अखबारों ने सांख्यिकी विभाग की साप्ताहिक रिपोर्ट छापी है, जिसमें आटा, घी, चावल, चिकन, लहसुन, टमाटर समेत खाने-पीने की 28 वस्तुएं महंगी हुई हैं। अखबारों ने समझौता एक्सप्रेस धमाके की 15वीं बरसी पर विदेश मंत्रालय में भारतीय राजनयिक को तलब करने की खबरें दी हैं। अखबारों ने लिखा है कि 15 साल से इस घटना के प्रभावित लोग इंसाफ के लिए इंतजार कर रहे हैं। इस घटना में 68 बेगुनाह भारतीय और पाकिस्तानी नागरिक मारे गए थे। अखबारों ने अहमदाबाद बम धमाकों में अदालत के जरिए 38 मुसलमानों को सजा-ए-मौत दिए जाने और 11 को उम्रकैद दिए जाने की खबरें भी प्रमुखता से छापी हैं। अखबारों ने बताया कि इस मामले में 28 लोगों को रिहा किया गया है और इस घटना में 56 लोग मारे गए थे।
अखबारों ने इमरान खान के जरिए फरवरी के आखिर में रूस का दौरा किए जाने की खबरें दी है। अखबारों ने लिखा है कि इस दौरे के दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की भी संभावना है। अखबारों ने रूस के जरिए पाकिस्तान और भारत से कश्मीर समस्या का मिलजुलकर हल निकालने की बात कहने की खबरें भी प्रमुखता से छापी हैं।
अखबारों ने पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार कल्याण सिंह कल्याण नामक एक पाकिस्तानी हिन्दू नागरिक के जरिए पीएचडी डिग्री हासिल करने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री का एक बयान भी छापा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि भारतीय लोकसभा के आधे से अधिक सदस्यों का रिकॉर्ड मुजरिमाना है। अखबारों ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का एक बयान भी छापा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि मोदी हुकूमत ने ना जाने कितने लोगों की मुस्कुराहट छीन ली है।
अखबारों ने पीडीएम के जरिए अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मौलाना फजलुर्रहमान के इस्लामाबाद में डेरा जमाने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने रक्षा मंत्री परवेज खटक का एक बयान छापा है, जिसमें उन्होंने कहा कि फजलुर्रहमान अब कभी भी सत्ता में नहीं आएंगे। अखबारों ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूएई के प्रिंस क्राउन के बीच वर्चुअल मीटिंग के बाद यह समझौते किए गए हैं। अखबारों ने भारत में हिजाब पर पाबंदी के खिलाफ ईरान और स्वीडन में छात्रों और महिलाओं के जरिए मार्च निकालने की खबरें भी दी हैं। ये सभी खबरें रोजनामा दुनिया, रोजनामा खबरें, रोजनामा औसाफ, रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा एक्सप्रेस, रोजनामा नवाएवक्त और रोजनामा जंग ने अपने पहले पन्ने पर छापी हैं।
रोजनामा दुनिया ने एक खबर में बताया है कि कर्नाटक में एक लेक्चरर ने कॉलेज प्रशासन की तरफ से हिजाब उतारने की मांग को देखते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। अखबार ने लिखा है कि अंग्रेजी भाषा की लेक्चरर ने प्रिंसिपल का हुक्म मानने के बजाय अपनी नौकरी से इस्तीफा देना उचित समझा है। अखबार ने बताया कि सोशल मीडिया पर सामने आने वाले इस्तीफानुमा खत में कहा गया है कि मैं पिछले 3 साल से कॉलेज के अंदर हिजाब पहन कर आ रही थी। मुझे अब हिजाब से रोकने की कोशिश की जा रही है।
रोजनामा नवाएवक्त ने एक खबर छापी है, जिसमें बताया गया है कि करतारपुर कॉरिडोर में 1947 में बिछड़ने वाले एक और खानदान को मिलाया गया है। अखबार ने बताया है कि शाहिद रफीक के खानदान के 38 व्यक्तियों ने अमृतसर से आने वाली दादी और कजिन से मुलाकात की और गले लग कर रोते रहे। अखबार का कहना है कि जिला ननकाना के रहने वाले शाहिद रफीक ने अपने खानदान के साथ अपनी दादी और अन्य लोगों से मुलाकात की है। अखबार का कहना है कि करतारपुर कॉरिडोर लोगों को एक दूसरे के करीब लाने में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
रोजनामा पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से एक खबर दी है, जिसमें बताया गया है कि सेना की एक गाड़ी पर दस्ती बम से हमला किया गया है। अखबार ने बताया है कि अज्ञात हमलावर के दस्ती बम फेंकने से गाड़ी का टायर फट गया है। अखबार ने बताया है कि कश्मीरी पत्रकार गौहर गिलानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। हुर्रियत कान्फ्रेंस ने संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव से कश्मीर समस्या का हल करने में मदद करने की मांग की है। अखबार ने बताया कि जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर के खिलाफ दोबारा क्रैकडाउन शुरू किया गया है और उसके सदस्यों से लगातार 8 घंटे तक पूछताछ की गई है।