नई दिल्ली, 19 फ़रवरी (हि.स.)। केन्द्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को कहा कि देश का संविधान लिखने वाले डॉ. भीम राव अम्बेडकर के काम को कम करके आंकना ठीक नहीं है। संविधान को तैयार करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। यह विवाद का विषय नहीं है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अनुच्छेद 370 के खिलाफ थे। उन्होंने इस विचार को ही खारिज कर दिया था। आज देश अगर अखंड बन पाया है तो इसका श्रेय बाबा साहेब को जाता है। जिस पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए।
वे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र में गांधीवादी चिंतक धर्मपाल की जन्म शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा के अध्येता धर्मपाल ने हमेशा भारतीय शिक्षा व्यवस्था की वकालत की। उनकी पुस्तक ब्यूटीफुल ट्री का जिक्र करते हुए राज्य मंत्री ने कहा कि वे चरित्र रहित शिक्षा के खिलाफ थे क्योंकि इसका कोई अर्थ नहीं होता। धर्मपाल अंग्रेजी शिक्षा पद्धति के खिलाफ थे एवं 18वीं शताब्दी से पहले की शिक्षा पद्धति के हिमायती रहे। गांधी वादी विचार धारा से प्रभावित धर्मपाल ने विज्ञान और तकनीक विषयों पर भी गहन शोध अध्ययन किया जिसे आज की पीढ़ी को पढ़ना चाहिए। शिक्षा चरित्र के निर्माण, संस्कार के विकास के लिए होना चाहिए न कि सिर्फ नौकरी लेने के लिए ।
इस मौके पर मुख्य वक्ता सुरेश सोनी ने कहा कि धर्मपाल भारतीय विचारक थे। भारतीय परंपरा, संस्कृति को समझना बेहद जरूरी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने कहा कि धर्मपाल सभी के लिए रहस्यमय थे। उन्हें समझना आसान नहीं थी। वे हमेशा बुनियादी सवालों को उठाते रहे। भारतवर्ष का पुनर्जागरण और स्वतंत्रता संग्राम की बड़ी भूल के उनके लेखों का उल्लेख करते हुए आईजीएनसीए के अध्यक्ष ने कहा कि गांधी जी जहां रुक गए थे वहां से अभी तक किसी ने शुरुआत नहीं की, इस बात का धर्मपाल को हमेशा अफसोस रहा था। उन्होंने नए समाज की रचना में अपना पूरा जीवन लगा दिया। उन्होंने कहा कि इनके जीवन पर आने वाले दिनों में विचार गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा।