मास्को, 18 फरवरी (हि.स.)। यूक्रेन सीमा पर तैनात रूसी सैनिकों के जमावड़े के चलते युद्ध की आशंका बनी हुई है। यूक्रेन के पक्ष में अमेरिका, यूरोपीय और नाटो सदस्य देश हैं। वहीं रूस शक्ति संतुलन अपने पक्ष में करने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं। इस कड़ी में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के बीच गुरुवार को फोन पर लंबी वार्ता हुई जिसमें यूक्रेन संकट और सुरक्षा वार्ता पर चर्चा हुई।
जानकारी के मुताबिक फोन पर देर तक चली इस वार्ता में पुतिन ने किशिदा से उत्तरी अटलांटिक सुरक्षा गारंटी के तहत जानकारी दी। इसके साथ ही रूस और अमेरिका के बीच उत्तरी अटलांटिक संधि के बारे में विस्तार से बताया। यही नहीं पुतिन ने अंतर-यूक्रेनी संघर्ष के बारे में भी जानकारी दी। साथ ही, 2015 के मिन्स्क समझौतों एवं नॉरमैंडी प्रारूप के निर्णयों के अनुसार इस पर आगे की वार्ता करने की बात कही।
रूसी-जापानी नेताओं ने दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक क्षेत्र सहित मौजूदा समझौतों के आधार पर द्विपक्षीय संबंधों के रचनात्मक विकास में सामान्य रुचि व्यक्त की।
उल्लेखनीय है कि जिस तरह अमेरिका के साथ यूरोपीय और नाटो संगठन है, रूस भी चीन, जापान एवं अन्य मित्र देशों को इस संकट के समय में एकजुट करने और साथ लाने की कोशिश में जुटा हुआ है।