पटना, 18 फरवरी (हि.स.)। बिहार विधानपरिषद में राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विधान परिषद की 151वीं से 195वीं बैठकों में दिये गये भाषणों के संग्रह के रूप में प्रकाशित पुस्तक का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश दलों की सीमा के पार जाकर काम करने वाले नेता है। आज जो बिहार में माहौल बना है वह नीतीश कुमार की देन है।
हरिवंश नारायण ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार जितनी सहजता से सभी दलों को लेकर चलने की क्षमता रखते है, ऐसा बहुत कम नेता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1980 से लेकर 2005 तक बिहार में जिस तरह से राजनीति घटनाक्रम ने जन्म लिया और उसके बाद सत्ता में जो लोग आए उन्होंने वह दूरदर्शिता नहीं दिखाई जिसकी इसको जरूरत थी। 1984 से लेकर 1989 तक पूर्ण बहुमत की सरकार बिहार में कांग्रेस के नेतृत्व में बनी लेकिन दुर्भाग्य कि इस दौरान कुल छह मुख्यमंत्री प्रदेश ने देखे।
1989 में बिहार में राजद की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी जिसका शासनकाल 2005 तक रहा लेकिन इस 16 वर्षों में बिहार ने कई झंझावातों को झेला। वर्ष 2000 में बिहार से झारखंड अलग हुआ और तत्कालीन केंद्र की सरकार ने यह तर्क दिया किया छोटे राज्यों के विकास तेजी से होते हैं, इसलिए बिहार से झारखंड को अलग किया गया है। हरिवंश नारायण ने जेपी की बात को दोहराते हुए कहा कि वह भी विकेंद्रीकरण के पक्षधर थे। जब बिहार से झारखंड अलग हुआ तो लोग तंज कसने लगे कि प्रदेश में अब आलू और बालू ही बचा रहेगा। उस बिहार को नीतीश कुमार ने सींचा जो आप-हम सभी के सामने हैं।
उपसभापति हरिवंश ने कहा कि साल 2005 से बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनी और बिहार ने हर क्षेत्र में विकास किया। यह केवल और केवल नीतीश कुमार की देन है। उन्होंने कहा कि बिहार से जो 1980 से 2005 के बीच में फ्लाइट कैपिटल (पूंजी का पलायन) हुआ उसको भी नीतीश कुमार ने रोका। आज प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, आईटीआई कॉलेज बिहार के बच्चों के लिए खुले हुए हैं। इसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई के रूप में जो पूंजी का पलायन बेहतर शिक्षा के लिए दूसरे राज्य में जाते थे उसमें भारी कमी आयी है। हर क्षेत्र में बिहार ने विकास किया है। बिहार को अब लोग दूसरे नजरिए से देखने लगे हैं यह सब अपने कामों से बोलने वाले नीतीश कुमार की वजह से ही संभव हो पाया है।
इस मौके पर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, विधानपरिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, संसदीय कार्य और शिक्षा मंत्री विजय चौधरी, डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और विधानपरिषद के उपसभापति महेश्वर हजारी उपस्थित थे।