रामगढ़, 18 फरवरी (हि.स.)। जिले में पिछले तीन दिनों से हाईवे पर लगातार दुर्घटना हो रही है। इससे पहले भी अक्सर दुर्घटनाएं होती रही है, जिसमे कई लोग काल कल्वित हुए हैं। उनको घटनाओं को रोकने के लिए एनएचएआई पुख्ता कदम उठाए यह बात शुक्रवार को डीसी माधवी मिश्रा ने कही। उपायुक्त की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक का आयोजन किया गया। चुट्टूपालू घाटी में हो रही दुर्घटनाओं के मद्देनजर बैठक के दौरान सबसे पूर्व उपायुक्त ने एनएचएआई के अधिकारियों से पटेल चौक के समीप चल रहे निर्माण कार्य की जानकारी ली। इस दौरान उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक ने वर्तमान निर्माण कार्यों के मद्देनजर अधिकारियों को विशेष उपबंध करते हुए सुरक्षा दृष्टिकोण से उठाए जाने वाले कदमों के संबंध में कई निर्देश दिए। इस दौरान उनके द्वारा अधिकारियों को सड़क पर पर्याप्त लाइट, रिफ्लेक्टर स्थापित करने, डायवर्जन एवं सड़क के चौड़ीकरण, स्पीड लिमिट साइन बोर्ड लगाने आदि के संबंध में कई निर्देश दिए गए।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने सड़क दुर्घटना होने के उपरांत घायलों को उपलब्ध कराए जाने वाले आकस्मिक सेवाओं की समीक्षा करते हुए इसके लिए संबंधित अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
सड़क दुर्घटना में घायलों एवं मृतकों के आश्रितों को हिट एंड रन मामले तथा आपदा प्रबंधन के माध्यम से उपलब्ध कराए जाने वाले मुआवजा राशि के संबंध में उपायुक्त माधवी मिश्रा ने सभी अधिकारियों को उनके क्षेत्र में होने वाली दुर्घटनाओं में आश्रितों को जल्द से जल्द मुआवजा राशि उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने अधिकारियों को नशे की हालत में वाहन चलाने वालों, ओवरलोडिंग अथवा अन्य नियमों की अवमानना करने वाले चालकों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही करने के संबंध में योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने एवं जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया। वहीं उन्होंने पुनदाग टोल प्लाजा के प्रबंधक को विभिन्न माध्यमों से भारी वाहनों संचालकों को रात्रि के समय घाटी में प्रवेश करने के पूर्व महत्वपूर्ण जानकारियां देने का निर्देश दिया।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगाए जाने वाले सर्विलांस कैमरा, खराब पड़े सोलर लाइट की मरम्मती, चिन्हित ब्लैक स्पॉट पर दुर्घटनाओं को कम करने हेतु उपबंध, डीवीसी मोड़ गोला में ट्रैफिक जाम, वाहनों के गति का पता लगाने के लिए इंटरसेप्टर वाहन की व्यवस्था, नो हेलमेट नो पैट्रोल अभियान, घनी आबादी वाले विद्यालय एवं कॉलेज क्षेत्र में स्पीड लिमिट साइन बोर्ड स्थापित करने आदि के संबंध में अधिकारियों के साथ चर्चा करने के उपरांत आवश्यक निर्देश दिए।