प्रयागराज, 18 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2015 में मंदिर-मस्जिद से ध्वनि प्रदूषण पर रोक को लेकर पारित आदेश की अवमानना में दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि यह प्रायोजित याचिका लगती है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द प्रभावित करने के लिए अवमानना याचिका दायर की गई है। कोर्ट सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश में पक्ष नहीं बनेगा। ऐसे में हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण रोकने के आदेश पर अमल कराने की याचिका खारिज कर दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने इस्लामुद्दीन की अवमानना याचिका पर दिया है। याचिका में रामपुर के जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार मंडर व अन्य को अवमानना के आरोप में दंडित करने की मांग की गई थी।
याची का कहना था कि उसकी जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने 2015 में मंदिर-मस्जिद से समाज में फैल रहे ध्वनि प्रदूषण पर कानून के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। जिसका पालन नहीं किया जा रहा है। मंदिर में लाउड स्पीकर लगाकर मानक से अधिक ध्वनि प्रदूषण फैलाया जा रहा है। लोगों को भारी परेशानी हो रही है।