वन रैंक वन पेंशन पर एमएसीपी और एसीपी के लाभ पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

नई दिल्ली, 17 फ़रवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने आज से सेना में वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) लागू करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से यह बताने को कहा है कि मोडिफायड एश्योर्ड करियर प्रोग्रेसन (एमएसीपी) और एश्योर्ड करियर प्रोग्रेसन (एसीपी) का लाभ कितने सैन्यकर्मियों को हुआ है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को इस पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार की इस बात के लिए खिंचाई की थी कि वो वन रैंक वन पेंशन का गुलाबी चेहरा पेश कर रहा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि आप ये बताएं कि वन रैंक वन पेंशन से कितने सैन्यकर्मियों को लाभ मिला। बता दें कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले पर 15 फरवरी से सुनवाई शुरू की थी।

याचिका इंडियन एक्स सर्विसमेन मूवमेंट ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि संसद में वादा करने के बावजूद वन रैंक वन पेंशन का वादा पूरा नहीं किया गया। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार वन टाइम वन पेंशन की बजाय वन टाइम डिफरेंट पेंशन प्रस्तावित कर रही है। इस स्कीम से पुराने पेंशनर अपने जूनियर एक्ससर्विसमैन से कम पेंशन पाएंगे। याचिका में कहा गया है कि केंद्र की बनाई वन रैंक वन पेंशन स्कीम कोशियारी कमेटी की सिफारिशों पर आधारित नहीं है। याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट मोदी सरकार की वन रैंक वन पेंशन को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दे।

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