Shivraj Singh Chouhan : मप्रः अन्नदाता की समृद्धि में ही प्रदेश की खुशहालीः शिवराज

भोपाल, 17 फरवरी (हि.स.)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि अन्नदाता की समृद्धि में ही प्रदेश की खुशहाली है। जब भी कृषकों पर संकट आया है, मुश्किल वक्त में राज्य सरकार सदैव साथ रही है। यह किसानों की सरकार है। किसान भाई-बहन हमारी आत्मा हैं। हमने 22 महीनों में प्रदेश के किसान भाई-बहनों को कुल 1 लाख 72 हजार करोड़ रुपये दिए हैं।

मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को अपरान्ह 3.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश स्तरीय आयोजन में फसल क्षति वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में जनवरी-2022 में असामयिक वर्षा, ओलावृष्टि से फसल क्षति से प्रभावित किसानों को राहत राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से वितरित की गई। मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रदेश के 23 जिलों के एक लाख 46 हजार से अधिक किसानों के खातों में 202 करोड़ 90 लाख रुपये की फसल-क्षति राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से ट्रांसफर की।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जनवरी में जब 26 जिलों में 1 लाख 46 हजार 101 किसानों की फसलों को ओलावृष्टि से नुकसान हुआ, तब मैंने कहा था कि किसान भाइयों चिंता मत करना, हम आपको संकट के पार ले जाएंगे। मुझे कहते हुए खुशी है कि आज 202 करोड़ से ज्यादा की राशि किसानों के खातों में डाली गई है। अभी हमने 202 करोड़ से अधिक राहत राशि के डाले हैं। इसके अलावा इन फसलों की क्षति पूर्ति के लिए फसल बीमा योजना की राशि अलग से दिलाई जाएगी। इसके लिए हम कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने किसानों से पूछा कि वे ओलावृष्टि के सर्वे से संतुष्ट हैं अथवा नहीं। इस पर सभी किसानों द्वारा एक स्वर में कहा गया कि वे सर्वे से पूर्ण रूप से संतुष्ट हैं तथा उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ भी समय पर मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसी भी तरह के संकट के समय सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है। किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ भी दिलवाया जाएगा, ताकि वे बिना किसी चिन्ता के जीवन यापन कर सकें।

उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अमले द्वारा सर्वे का कार्य काफी अच्छे तरीके से किया गया है। इसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं। हमारे किसान हमारे अन्नदाता हैं। किसान दिन-रात मेहनत करते हैं, ताकि सभी को अनाज मिल सके। बीते दिनों जो ओलावृष्टि हुई उस दौरान सरकार के जनप्रतिनिधि और अधिकारियों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया। सर्वे की सूची पंचायत भवन में चस्पा की गई।

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