West Bengal : पश्चिम बंगाल में सरकारी तंत्र पूरी तरह राजनीति में लिप्त : धनखड़

झुंझुनू, 16 फरवरी (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार पर बड़ा निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल में सरकारी तंत्र पूरी तरह राजनीति में लिप्त है। वे लगातार प्रयास कर रहे हैं कि शासन व्यवस्था संविधान के दायरे में चले, लेकिन वहां के प्रशासनिक अधिकारी राजनीति से प्रभावित होकर फैसले ले रहे हैं।

अपने एक दिन के दौरे पर झुंझुनू आए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपने गांव किठाना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि किसी भी शासन व्यवस्था में यदि अगर शासक संवैधानिक रास्ते से भटक जाता है और कानून के रास्ते से दूर हो जाता है तो निश्चित रूप से चिंता और चिंतन का विषय है। चुनावों के बाद जो हिंसा हुई, वो प्रत्याशित थी। एक तरह से दिल दहलाने वाली थी। उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद मानवाधिकार आयोग की एक समिति ने रिपोर्ट पेश की, जिसमें निश्चित रूप से कहा गया कि बंगाल में कानून का नहीं, बल्कि शासक का राज है।

उन्होंने कहा कि मेरा निरंतर प्रयास है कि शासन व्यवस्था संविधान के दायरे में चले। कानून का राज हो, लेकिन जब प्रशासनिक सेवाओं के लोग राजनीति से प्रेरित होकर निर्णय करते हैं तो ये चुनौती भी होती है। धनखड़ ने कहा कि वे पश्चिम बंगाल में इस प्रकार के हालात देख रहे हैं जहां पर सरकारी तंत्र पूरी तरह से राजनीति में लिप्त है, जो ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि वे पश्चिम बंगाल में अपने दायित्व को निभा रहे हैं, ताकि संवैधानिक व्यवस्था स्थापित हो। यह उनकी शपथ का हिस्सा भी है। वे इसी का प्रयास कर रहे हैं। संविधान में बहुत बड़ी ताकत है। राज्यपाल का दायित्व है कि वे भारतीय संविधान को प्रोटेक्ट करें। प्रदेश और देश के लोगों की सेवा करें।

उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम लिए बगैर कहा कि जो भी लोग संवैधानिक पदों पर बैठे हैं उनका दायित्व ज्यादा है वो डायलॉग, डेलिब्रेशन और डिस्कशन करें, आपसी मेलजोल बढ़ाएं, सद्भाव बढ़ाएं, कोलोबरेशेन, कॉर्डिनेशन हो। वे हर समय इसके लिए तैयार रहते हैं। इससे पहले धनखड़ ने किठाना में दो शादियों में हिस्सा लिया। सांगासी गांव में भी एक कुआं पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए।

धनखड़ ने बताया कि उन्होंने सालासर और खाटूश्यामजी जाकर आज पूजा अर्चना की और आशीर्वाद लिया। यही कामना की है कि सभी का कल्याण हो। उन्होंने बताया कि धार्मिक कार्यक्रम संतोष देता है और सुखद अनुभूति होती है। पिछले सालों में चार धाम के विकास के लिए जो काम हुए हैं वो भी निसंदेह सराहनीय है। देश में बड़ा बदलाव आ रहा है। हमारे धार्मिक स्थान के रखरखाव में काफी बढ़ोतरी हुई है।

धनखड़ ने सरकार द्वारा संपूर्ण देश में आजादी के अमृत महोत्सव मनाने के आयोजन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह एक क्रांतिकारी और सामयिक निर्णय है। हम हमारे सांस्कृतिक, ऐतिहासिक जड़ों से जुड़ रहे हैं। जिन आजादी के दीवानों की चर्चा 70 सालों में नहीं हुई, जिन्होंने आजादी में सहयोग किया था। उनकी न केवल चर्चा हो रही है बल्कि युवा पीढ़ी उनके बारे में जान रही है। एक राष्ट्र की भावना पैदा हो रही है और सबसे पहले राष्ट्र का विचार हर हिन्दुस्तानी के मन में आ रहा है। पहले हम केवल संविधान के मौलिक अधिकारों पर जोर देते थे, लेकिन अब हम हमारे दायित्व भी याद रखते हैं और निभाने के लिए प्रयत्नशील हैं। हिन्दुस्तान की प्रगति बढ़ी है। चाहे कोई भी क्षेत्र हो। दुनिया की प्रथम पंक्ति में भारत का नाम है। यह कोई विवाद का विषय नहीं, बल्कि सुखद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *