मुंबई, 15 फरवरी (हि.स.)। शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत की पत्रकार वार्ता से महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। महाविकास आघाड़ी सरकार के सहयोगी दलों ने संजय राऊत के आरोपों की छानबीन कराने की मांग की है। पत्रकार वार्ता में बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस और किरीट सोमैया दिल्ली रवाना हो गए। इन तीनों नेताओं ने कहा कि सरकार उनकी है, उन्हें जांच करनी चाहिए, मना किसने किया है।
चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार है। उन्हें मामले की जांच करवाने से मना किसने किया है। छानबीन ईडी कर रहा है। इसलिए उन्होंने किरीट सोमैया पर झूठा आरोप लगाया गया है, जबकि किरीट सोमैया ने ही सबसे पहले पीएमसी घोटाले का आरोप लगाया था। किरीट सोमैया ने कहा कि वे संजय राऊत की बौखलाहट समझ सकते हैं। उनपर इससे पहले 12 मामले दर्ज हैं एक और सही। अगर सरकार जांच करवाती है तो वे इसके लिए तैयार हैं। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वे इसका जवाब उचित समय पर ही देंगे। उनकी पत्नी अमृता फडणवीस ने ट्वीट किया है कि आज एक और बिल्ली ने आवाज लगाई है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि संजय राऊत ने जो आरोप लगाया है, वह बहुत ही गंभीर हैं। इस मामले की जांच की मांग संजय राऊत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)से की थी, लेकिन ईडी ने इसकी जांच नहीं की। अब संजय राऊत ने यह मामला मुख्यमंत्री को सौंपा है और जांच की मांग की है। नवाब मलिक ने बताया कि आर्थिक मामलों की जांच राज्य में ईओडब्ल्यू करती है। इन मामलों को ईओडब्ल्यू को सौंपा जाएगा।
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि संजय राऊत के आरोपों से पता चला है कि महाराष्ट्र में केंद्रीय जांच एजेंसियों को सामने रखकर बड़े पैमाने पर वसूली की जा रही है। इसकी जांच जरूरी है। महाविकास आघाड़ी सरकार इस मामले की गहन छानबीन करेगी और आरोपितों को कठोर सजा दिलवाएगी।