कीव, 14 फरवरी (हि.स.)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की घंटेभर की वार्ता के बाद भी यूक्रेन पर हमले के बादल नहीं छंटे हैं। रूस के यूक्रेन पर हमला करने की स्थिति में अमेरिका व नाटो ने गंभीर परिणाम की चेतावनी दी है।
युद्ध रोकने के प्रयासों के बीच जर्मनी के चांसलर ओल्फ शुल्ज अमेरिकी दौरे के बाद मंगलवार को रूस जा रहे हैं। जहां वे राष्ट्रपति पुतिन से मिलकर तनाव कम करने का प्रयास करेंगे। इससे पहले सोमवार को वह यूक्रेन जाएंगे।
इस बीच अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने अपने दूतावास से कर्मचारियों को यूक्रेन की राजधानी कीव से हटाना शुरू कर दिया है। विद्रोहियों के कब्जे वाले डोनबास इलाके में तैनात अमेरिकी पर्यवेक्षक दल को भी हटाया जा रहा है।
रूसी हमले की आशंका को पुष्ट करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि बातचीत का रास्ता बंद नहीं हुआ है। अभी भी तनाव को खत्म कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
रूसी हमले की आशंका के बावजूद यूक्रेन ने अपनी आकाशीय सीमा बंद या सीमित नहीं की है। लेकिन कई प्रमुख एयरलाइन कंपनियों ने कीव की अपनी उड़ानें बंद और कम करनी शुरू कर दी हैं। दो-तीन दिन में तनाव कम न होने पर ज्यादातर प्राइवेट कंपनियों ने अपनी सेवाएं बंद करने के संकेत दिए हैं। यूक्रेन मसले पर अभी तक तीखे बयानों से परहेज कर रहे जर्मनी ने रविवार को रूस को गंभीर दुष्परिणामों की चेतावनी दे डाली।
मालूम हो कि जर्मनी की ऊर्जा जरूरतें पूरी करने के लिए रूस प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। माना जा रहा था कि इसीलिए जर्मन सरकार तीखी जुबान नहीं बोल रही थी, वह मसले के शांतिपूर्वक निदान की बात कह रही थी। लेकिन मास्को यात्रा से पहले चांसलर शुल्ज की जुबान बदल गई।
यूक्रेन को अमेरिका और उसके सहयोगी देशों से हथियार मिलने जारी हैं। रविवार को अमेरिका के दो और मालवाहक विमान 180 टन हथियार और गोला-बारूद लेकर कीव पहुंचे। यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनीकोव ने बताया है कि अभी तक 17 विमानों से आए 1,500 मीट्रिक टन हथियार और गोला-बारूद प्राप्त हो चुके हैं। इनके अतिरिक्त नाटो के सदस्य देश लिथुआनिया ने अमेरिका में बनीं स्टि्रंगर एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल यूक्रेन पहुंचा दी गई है। लिथुआनिया ने ये मिसाइल अमेरिका की सहमति से दी हैं। इनसे पहले ब्रिटेन दो हजार एंटी टैंक मिसाइल और अन्य सैन्य सामग्री यूक्रेन को दे चुका है।