देहरादून, 12 फरवरी (हि.स.)। उत्तराखंड में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। ताकि भाजपा सरकार सत्ता वापसी कर सकें। प्रधानमंत्री ने रुद्रपुर में रैली की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे सीटों को प्रचार के लिए चुना, जहां पार्टी के बागी भाजपा का खेल बिगाड़ सकते हैं। कुछ सीटों पर पार्टी त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी हुई है।
पार्टी अधिक से अधिक सीटों को सुरक्षित कर लेना चाहती है, जिससे चुनाव नतीजे उनके पक्ष में आ जाये। गृह मंत्री मंत्री अमित शाह ने आज अपनी सभा की शुरुआत टिहरी जिले के धनौल्टी विधानसभा सीट से की है। इस सीट से भाजपा के उम्मीदवार प्रीतम सिंह पंवार हैं। पंवार पिछला चुनाव इसी सीट से निर्दलीय लड़े और जीते थे। इसके पहले वे उक्रांद के टिकट पर 2002 और 2012 का चुनाव यमुनोत्री सीट से जीते हैं। भाजपा ने इस बार धनौल्टी से इन्हें उम्मीदवार बनाने के कारण भाजपा के महावीर सिंह रांगड़ बाघी हो गए।
पार्टी ने रांगड़ को मनाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। भाजपा के बागी उम्मीदवार कारण यह सीट भाजपा के लिए चुनौती बन गयी है। धनौल्टी से लगे यमुनोत्री सीट पर भी भाजपा के बागी उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। वहां से भाजपा कांग्रेस से पार्टी में आये विधायक केदार सिंह रावत को उतारा है। इससे नाराज होकर भाजपा नेता मनोज कोली निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इसलिए अमित शाह ने धनौल्टी में सभा कर इन दोनों सीटों के मतदाताओं को साधने का प्रयास किया।
गृह मंत्री ने यहां कहा कि सिर्फ भाजपा ही विकास करती है और सभी पार्टियां वादा कर सरकार बनते ही भ्रष्टाचार करने में लग जाती हैं। इसलिए भाजपा को भारी बहुमत से जितायें। पार्टी के उम्मीदवार प्रीतम सिंह पंवार इस पर कहते हैं, ‘गृह मंत्री के आने से हम और मजबूत हुए हैं। ऐसे यहां भाजपा को लोगों का अपार समर्थन मिल रहा है। हम रिकॉर्ड तोड़ बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं।’
धनौल्टी के बाद अमित शाह ने देहरादून के दो सीटों पर चुनाव प्रचार किया। सहसपुर और रायपुर विधानसभा सीटों पर शाह ने जनसभा को संबोधित किया। सहसपुर से भाजपा के उम्मीदवार सहदेव पुंडीर हैट्रिक लगाने उतरे हैं। यह वही सीट है, जहां से कांग्रेस के अकील अहमद ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की थी। इसलिए अमित शाह ने यहां चुनाव प्रचार कर लोगों को यह संदेश देने की कोशिश कि देवभूमि हिन्दुओं की आस्था का केंद्र हैं। यहां सांप्रदायिकता की बात करने वालों को कबूल नहीं किया जायेगा। देहरादून की दो विस सीटों पर भी पार्टी को बागियों से दो-दो हाथ करना पड़ रहा है।
देहरादून के धर्मपुर और कैंट सीट पर भाजपा के बागी भी मैदान में हैं। धर्मपुर में पार्टी के नेता बियर सिंह पंवार निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। कैंट सीट पर दिनेश रावत पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कैंट सीट भाजपा का गढ़ रहा है। यहां से भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा के स्पीकर रहे हरवंश कपूर लगातार 8 बार जीत चुके हैं। उनके निधन के बाद इस बार उनकी पत्नी सविता कपूर को पार्टी ने टिकट दिया है। इसलिए भाजपा अपने इस गढ़ को गंवाना नहीं चाह रही है।
अमित शाह के अलावा उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो ऐसे सीटों को प्रचार के लिए चुना, जहां पार्टी को बगावत और त्रिकोणीय मुकाबला करना पड़ रहा है। टिहरी से इस बार भाजपा-कांग्रेस के उम्मीदवार अदला-बदली कर लड़ रहे हैं। कांग्रेस से भाजपा में आये मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके किशोर उपाध्याय को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में कांग्रेस ने भाजपा के सिटिंग विधायक धन सिंह नेगी को तोड़कर उसे टिकट दिया है।
यहां मुकाबला त्रिकोणीय है। भाजपा-कांग्रेस के अलावा यहां से विधायक और कैबिनेट मंत्री रहे दिनेश धनै भी अपनी पार्टी से चुनाव मैदान में हैं। इस कारण यहां मुकाबला त्रिकोणीय है। टिहरी के बाद योगी आदित्यनाथ ने पौड़ी जिले के कोटद्वार में एक सभा को संबोधित किया। कोटद्वार में भाजपा कड़े मुकाबले में फंसी हुई है। यहां पार्टी को बगावत का भी सामना करना पड़ा रहा है। यहां से पार्टी नेता धीरेन्द्र सिंह चौहान मैदान में निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं।
पार्टी ने यहां मुख्यमंत्री रहे बीसी खंडूरी की बेटी और यमकेश्वर से विधायक रितु खंडूरी को मैदान में उतारा है। भाजपा के लिए यह सीट चुनौतीपूर्ण है। क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी मुख्यमंत्री रहते यहां से चुनाव हार चुके हैं। इस सीट पर अभी तक किसी ब्राह्मण का कब्जा नहीं हो पाया है। इसलिए भी पार्टी यहां योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री रिटायर जनरल वीके सिंह जैसे ठाकुर नेता को प्रचार के लिए मैदान में उतारा। पार्टी चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसलिए प्रचार के अंतिम दिन पार्टी ने सभी कमजोर और चुनौतीपूर्ण सीट पर दिग्गजों में प्रचार के लिए उतारा।