नई दिल्ली, 11 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट और दिल्ली की निचली अदालतों में 14 फरवरी से 50 फीसदी कोर्ट में फिजिकल सुनवाई और 2 मार्च से शत-प्रतिशत कोर्ट में फिजिकल सुनवाई करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार मनोज जैन के हस्ताक्षर से जारी आदेश में इसकी सूचना दी गई है।
हाई कोर्ट ने सभी निचली अदालतों के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जजों को निर्देश दिया है कि वे 14 फरवरी से सभी कोर्ट का फिजिकल और वीडियो कांफ्रेंसिंग का रोस्टर तैयार करें। हाई कोर्ट ने कहा है कि फिजिकल सुनवाई के दिन भी केसों की स्थिति के मुताबिक हाईब्रिड या वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की अनुमति दें। हाई कोर्ट ने सभी वकीलों, कोर्ट के स्टाफ और सभी पक्षों को निर्देश दिया है कि वो कोर्ट में आने से पहले ये सुनिश्चित करें कि वे कोरोना टीका की दोनों डोज ले चुके हों। कोर्ट ने सभी पक्षों को ये भी निर्देश दिया था कि वो केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से जारी कोरोना से जुड़े सभी प्रोटोकॉल और दिशा-निर्देशों का पालन करें।
इसके पहले 30 दिसंबर, 2021 को हाई कोर्ट ने दिल्ली में ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों पर गौर करते हुए हाई कोर्ट और निचली अदालतों में 3 जनवरी से केवल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई का आदेश दिया था। उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी लहर के थमने के बाद 22 नवंबर, 2021 से दिल्ली हाई कोर्ट और निचली अदालतों में पूर्ण फिजिकल सुनवाई शुरू की गई थी। उसके पहले कोर्ट परिसरों में 75 फीसदी फिजिकल सुनवाई चल रही थी।
उल्लेखनीय है कि 2020 में केंद्र सरकार ने जब मार्च में लॉकडाउन की घोषणा की थी तो हाई कोर्ट ने दिल्ली की सभी अदालतों में 23 मार्च, 2020 से सुनवाई निलंबित करने का आदेश दिया था। हालांकि इस दौरान हाई कोर्ट अति महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये करता रहा है।