मॉस्को, 10 फरवरी (हि.स.)। रूस-यूक्रेन संकट टालने के लिए कई देश प्रयास कर रहे हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन के बाद ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रूस गुरुवार को मास्को पहुंच कर अपने समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बैठक कर संकट पर चर्चा की।
रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास 1,00,000 से अधिक सैनिक तैनात कर इस क्षेत्र में सैन्य अभ्यास भी शुरू कर दिया है। हालांकि, रूस का कहना है कि उसकी अपने पड़ोसी पर हमले की कोई योजना नहीं है।
वहीं ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ने यूक्रेन पर हमला करने के गंभीर परिणाम की रूस को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा करने से उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने रूस से अनुरोध किया कि वह यूक्रेन की स्वतंत्रता एवं संप्रभुता का सम्मान करने के अपने अंतरराष्ट्रीय समझौते की प्रतिबद्धता का पालन करे।
बैठक के दौरान रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने भी दो टूक कहा कि पश्चिमी देश मॉस्को को उपदेश नहीं दें। लावरोव ने कहा कि वैचारिक दृष्टिकोण और अंतिम चेतावनी के रास्ते आगे नहीं बढ़ा जा सकता। बैठक के बाद ब्रिटिश विदेश मंत्री ने एक बार फिर आह्वान किया कि रूस अपने सैनिकों को वापस सैन्य अड्डों को भेजे। हालांकि, लावरोव ने इस मांग को अनुचित करार देते हुए खारिज कर दिया और पूर्वी यूरोप में जमे ब्रिटिश और नाटो सैनिकों की ओर उंगली उठाई।
लावरोव ने कहा, रूसी क्षेत्र से रूस के सैनिकों को हटाने की मांग खेदजनक है। हम किसी को धमकाना नहीं चाहते बल्कि हम खुद खतरे का सामना कर रहे हैं। उन्होंने पश्चिमी नेताओं पर अपने देश में राजनीतिक लाभ लेने के लिए यूक्रेन के मामले पर हो-हल्ला खड़ा करने का आरोप लगाया।