Table Tennis : टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारिणी के कामकाज पर रोक

नई दिल्ली, 11 फ़रवरी (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारिणी के कामकाज पर रोक लगा दिया है। जस्टिस रेखा पल्ली की अध्यक्षता वाली बेंच ने फेडरेशन के कामकाज की देखरेख के लिए एक प्रशासक की नियुक्ति का आदेश दिया है।

कोर्ट ने ये संकेत दिया है वो हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज को प्रशासक नियुक्त करेगी। कोर्ट ने प्रशासक के अलावा दो या तीन और लोगों को नियुक्त करेगी। ये सभी नाम कोर्ट के विस्तृत आदेश के अपलोड होने पर पता चलेगा। दरअसल, टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा की शिकायत पर कोर्ट ने नेशनल कोच पर मैच फिक्सिंग के आरोपी की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी के गठन किया था। इस कमेटी ने कहा था कि फेडरेशन टेबल टेनिस मैच को बढ़ावा देने के बदले इसके अधिकारियों के हितों की रक्षा में लगा था। यहां तक कि टेबल टेनिस फेडरेशन और इसके नेशनल कोच सौम्यदीप राय ने कोई सफाई देना भी नहीं दिया कि उन्हें कोच क्यों बनाया गया। सौम्यदीप राय नेशनल कोच नियुक्त होने के बावजूद अपनी एकेडमी चला रहे थे। उसके बाद कोर्ट ने प्रशासक नियुक्त करने का आदेश दिया।

इसके पहले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि खिलाड़ियों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया को सुझाव दिया था कि वो टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा को क्लीन चिट दे क्योंकि उनकी तरफ से कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ है। 12 नवंबर 2021 को कोर्ट ने टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि वो टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा को टारगेट कर रही है। कोर्ट ने कहा था कि खिलाड़ियों को टारगेट नहीं किया जाना चाहिए और ऐसा करना गंभीर समस्या है। कोर्ट ने टेबल टेनिस फेडरेशन को निर्देश दिया था कि वो इंटरनेशनल टेबल टेनिस फेडरेशन और उसके बीच हुए संवादों की रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करे। सुनवाई के दौरान बत्रा ने कहा था कि टेबल टेनिस फेडरेशन उसे टारगेट कर रही है और उसके साथ एक आरोपित की तरह का बर्ताव किया जाता है। बत्रा की इस दलील का टेबल टेनिस फेडरेशन ने विरोध किया था ।

23 सितंबर 2021 को कोर्ट ने टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया के उस प्रावधान पर रोक लगा दिया था जिसमें कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में चयन के लिए नेशनल कैंप में शामिल होना अनिवार्य है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा ने कहा था कि चयन का एकमात्र आधार मेरिट होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि इस मामले में स्वतंत्र जांच करायी जाएगी। शर्मा ने कहा था कि स्पोर्ट्स कोड में ऐसा कुछ नहीं है जो किसी खिलाड़ी को इस आधार पर रोक लगाए कि उसने कैंप में हिस्सा नहीं लिया है। ऐसा होने से देश एक प्रतिभा से वंचित रह जाएगा।

20 सितंबर 2021 को कोर्ट ने केंद्र सरकार और टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया था। टेबल टेनिस फेडरेशन ने एशियन चैंपियनशिप के लिए जिस टीम का ऐलान किया था उस टीम में मनिका बत्रा का नाम शामिल नहीं था। मनिका बत्रा ने इस फैसले के खिलाफ यचिका दायर किया था। बत्रा की वर्ल्ड रैंकिंग 56वीं है जबकि उसकी जगह 97वीं वर्ल्ड रैंकिंग की सुतीर्थ मुखर्जी को भेजा जा रहा है। फेडरेशन के मुताबिक मनिका ने सोनीपत में हुए नेशनल कैंप में हिस्सा नहीं लिया था जिसकी वजह से उन्हें टीम में शामिल नही किया गया।

टोक्यो ओलंपिक के बाद से मनिका बत्रा और फेडरेशन के बीच संबंध खराब हैं। टोक्यो ओलंपिक में मनिका नेशनल कोच के बिना ही खेलने उतरी थी जिसकी वजह से फेडरेशन ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। मनिका ओलंपिक के सिंगल्स में तीसरे राउंड में पहुंची थी। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी थी।

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