मुंबई, 09 फरवरी (हि.स.)। चांदीवाल आयोग ने बुधवार को वसूली मामले में आरोपित सचिन वाझे का अपना बयान बदलने संबंधित दिया गया आवेदन नामंजूर कर दिया है। इस मामले की नियमित सुनवाई जारी है।
सचिन वाझे ने बुधवार को चांदीवाल आयोग के समक्ष आवेदन कर अपना बयान बदलने के लिए आवेदन दिया था। सचिन वाझे ने अपने आवेदन में कहा था कि उन्होंने वसूली मामले में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के विरुद्ध जो बयान दिया है, उसे उन्हें बदलना है। इसलिए इसकी अनुमति दी जाए। आवेदन में सचिन वाझे ने कहा था कि वह अनिल देशमुख के कहने पर ही वसूली कर रहे थे और वसूली का पैसा उनके नजदीकियों तक पहुंचाते थे। अनिल देशमुख ने ही उन्हें इससे पहले अपने समर्थन में बयान देने के लिए कहा था। साथ ही पुलिस वाले उनकी वसूली मामले में जांच करते समय उनके साथ अभद्र व्यवहार कर रहे हैं। इतना ही नहीं जब उनका हार्ट का आपरेशन हुआ था, उस समय भी पुलिस वालों ने उन्हें ठीक से उपचार करने नहीं दिया है। उन्हें अपने परिवार वालों की सुरक्षा का डर है, इसी वजह से वे सच नहीं बोल पा रहे हैं।
चांदीवाल आयोग के समक्ष खुद सचिन वाझे ने अनिल देशमुख से सवाल-जवाब किया था। इतना ही नहीं सचिन वाझे के वकील ने भी अनिल देशमुख से सचिन वाझे की ओर से पूछताछ की थी। अनिल देशमुख के वकील ने सचिन वाझे से पूछताछ की थी। यह पूछताछ कई दिनों तक चली थी। इसी वजह से बुधवार को चांदीवाल आयोग ने सचिन वाझे का आवेदन नामंजूर कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये रंगदारी वसूलने का लक्ष्य देने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश के.यू. चांदीवाल की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का आदेश दिया था। वसूली मामले की सुनवाई व जांच चांदीवाल आयोग कर रहा है और इसी महीने के अंत तक अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने वाला है।