मुंबई, 09 फरवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के विधायक नीतेश नारायण राणे को बुधवार को सिंधुदुर्ग जिला कोर्ट ने शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर हमला करने के मामले में 30 हजार रुपये के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत देने का आदेश दिया है। इस मामले में नीतेश राणे ने 2 फरवरी को कणकवली कोर्ट के समक्ष समर्पण किया था। उसके बाद वे 4 फरवरी तक पुलिस हिरासत में थे। इसके बाद कोर्ट ने नीतेश राणे को 18 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजा था।
नीतेश राणे की जमानत के लिए उनके वकील सतीश मानशिंदे व संग्राम देसाई ने सिंधुदुर्ग सेशन कोर्ट में आवेदन किया था। सतीश मानशिंदे ने मंगलवार को कोर्ट में जिरह करते समय बताया था कि पुलिस ने नीतेश राणे से 48 घंटे पूछताछ की है। इस पूछताछ में नीतेश राणे ने पूरा सहयोग दिया है। संबंधित मामले में पुलिस सभी आरोपितों का मोबाइल बरामद कर चुकी है, इसलिए नीतेश राणे को जमानत दी जानी चाहिए।
इसके बाद सरकारी वकील प्रदीप घरत ने जिरह करते हुए कहा था कि इस मामले में दो आरोपित अभी भी फरार हैं। इस मामले में हमले के लिए पैसा का लेन देन होने की बात भी जांच में सामने आई है। इसलिए अगर आरोपित को जमानत दी गई तो मामले की जांच प्रभावित होगी।
सरकारी वकील ने नीतेश राणे की जमानत का जोरदार विरोध किया था। इसके बाद जिला सेशन कोर्ट के जज एसवी हांडे ने मामले का निर्णय बुधवार तक के लिए सुरक्षित रख दिया था। बुधवार को जिला कोर्ट ने नीतेश राणे को 30 हजार रुपये के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत देने का आदेश दिया है। नीतेश राणे के भाई पूर्व सांसद नीलेश राणे ने कहा कि यह सत्य की जीत है। अभी वे इससे ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे।