कोरोना टीकाकरण के लिए सिर्फ आधार अनिवार्य नहीं : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 07 फरवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना टीकाकरण के लिए सिर्फ आधार को पहचान पत्र मानने को चुनौती देने वाली याचिका को निस्तारित कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की दलील को माना कि आधार अनिवार्य नहीं है, क्योंकि नौ तरह के पहचान पत्र पोर्टल पर स्वीकार होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि आधार कार्ड न होने के चलते कोई टीका पाने से वंचित न हो।

केंद्र सरकार ने 3 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि अभी तक बिना पहचान पत्र वाले 77 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। 14 लाख लोगों को दूसरी डोज भी दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने 27 जुलाई, 2021 को केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने कहा था कि भिक्षावृत्ति की वजह गरीबी है। हमें इस पर मानवीय रवैया अपनाने की ज़रूरत है।

यह याचिका कुश कालरा ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील चिन्मय शर्मा ने मांग की कि सार्वजनिक स्थानों, बाजारों और लाल बत्तियों पर से भिखारियों को हटाने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौरान भीख मांगने वालों को लाल बत्तियों औऱ बाजारों में भीख मांगने से रोका जाए, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है। याचिका में भिखारियों के पुनर्वास की मांग की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *