उज्जैन, 05 फरवरी (हि.स.)। उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में शनिवार को बसंत पंचमी के अवसर पर आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश प्रारंभ कर दिया गया है। बसंत पंचमी का खास अवसर होने के कारण शनिवार को यहां जन सैलाब उमड़ पड़ा और गर्भगृह से भगवान महाकाल के दर्शन कर श्रद्धालु निहाल हो गए। शनिवार दोपहर जैसे ही गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति श्रद्धालुओं को मिली, पूरा परिसर जय महाकाल के घोष से गूंज उठा।
महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद विवाह एवं मांगलिक कार्यक्रमों पर लगे कोरोना प्रतिबंध हटा दिए हैं। इसके चलते महाकालेश्वर मंदिर का गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए खोलने का निर्णय मंदिर प्रबंध समिति ने लिया है। शनिवार को दोपहर बाद गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू हुआ। बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और बसंत पंचमी के मौके पर गर्भगृह में जाकर श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इस दौरान 100 रुपये शुल्क वाले प्रोटोकाल दर्शन और 250 रुपये के सशुल्क दर्शन पर रोक लगाई गई थी।
प्रशासक धाकड़ ने बताया कि आगे भी श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश कर दर्शन की अनुमति दी जाएगी। अधिक भीड़ होने पर दर्शनार्थी 1500 रुपये शुल्क के साथ गर्भगृह में प्रवेश कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण और नववर्ष पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देख महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने 30 दिसंबर से 03 जनवरी तक गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। बाद में कोरोना पॉजिटिव केस बढ़ने पर शासन द्वारा जारी कोरोना गाइड लाइन का पालन कराने के लिए प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए रखा। मांगलिक कार्यक्रमों पर लागू कोरोना प्रतिबंध हटाने का फैसला आने पर 37 दिन बाद महाकाल मंदिर का गर्भगृह श्रद्धालुओं के लिए पुनः खोला गया।