RSS : बीएचयू के स्थापना दिवस पर आरएसएस का पथ संचलन, स्वयंसेवकों पर पुष्प वर्षा

वाराणसी, 05 फरवरी (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के 107वें स्थापना दिवस (वसंत पंचमी के अवसर) पर शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी विभाग के स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में पथ संचलन किया। विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान से स्थापना स्थल तक पथ संचलन के दौरान स्वयंसेवकों पर कई जगह पुष्प वर्षा भी हुई। पूरे राह पथ संचलन में शामिल स्वयंसेवकों के अनुशासित कदमताल लोगों में आकर्षण का केन्द्र बना रहा।

पथ संचलन कृषि विज्ञान संस्थान से शुरू हुआ, जो संकाय मार्ग से होते हुए विवि के लंका स्थित सिंह द्वार पर पहुंचा। सभी स्वयंसेवक दण्ड लेकर घोष वादन की धुन पर क्रमबद्ध पंक्ति में अनुशासन से चल रहे थे। स्वयंसेवकों की ओर से संघचालक ने भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। यहां से पथ संचलन स्थापना स्थल पर पहुंचा। बीएचयू के स्थापना स्थल पर वन्दे मातरम गायन के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ।

इस अवसर पर अपने बौद्धिक में पूर्व अपर महासॉलिसीटर भारत सरकार अशोक मेहता ने कहा कि भारत एक विश्व गुरु के साथ-साथ विश्वदृष्टा बनने जा रहा है। उस व्यवस्था को स्थापित करेगा, जिसमें असमानतायें और दरिद्रता दूर होगी। कार्य करने की सुविधा व क्षमता प्रत्येक व्यक्ति को मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत की ओर पूरी दुनिया टकटकी लगाये देख रही है। उन्होंने महामना के आदर्शो का उल्लेख कर कहा कि उनकी हार्दिक इच्छा थी कि हर विश्वविद्यालय में विज्ञान एवं तकनीकी विषय का अध्यापन हिन्दी भाषा में हो.. मां, मातृभाषा एवं मातृभूमि का कोई विकल्प नहीं है। दुर्भाग्य से पिछले 70 वर्षों में ऐसा नहीं हुआ लेकिन अब इच्छुक छात्रों को तकनीकी संस्थानों में 07 भारतीय भाषाओं में अध्ययन का अवसर मिलेगा। महामना चाहते थे कि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्रायें भौतिक सम्पदा को बढ़ावा देने में सक्षम हों ही, साथ ही वे अच्छे नागरिक भी बनें।

बीएचयू के स्थापना के लिए महामना के कठिन संघर्षों का विस्तार से उल्लेखकर कर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मेहता ने कहा कि स्वयंसेवक भारत को परम वैभव पर ले जाने के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं महामना के स्वप्न को शीघ्र ही पूरा करेंगे। उन्होंने वसंत पंचमी पर्व में पीले रंग के महत्व को बताते हुए कहा कि हर रंग की अपनी खासियत है, जो हमारे जीवन पर गहरा असर डालती है। हिन्दू धर्म में पीले रंग को शुभ माना गया है। पीला रंग शुद्ध और सात्विक प्रवृत्ति का प्रतीक माना जाता है। यह सादगी और निर्मलता को भी दर्शाता है। पीला रंग भारतीय परंपरा में शुभ का प्रतीक माना गया है।

कार्यक्रम की शुरुआत में संघ का भगवा ध्वज लगाया गया। स्वयंसेवकों ने बीएचयू का कुलगीत गाया। अतिथियों का परिचय डॉ रघुनाथ मोरे ने दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीएचयू छात्र अधिष्ठाता के.के. सिंह ने की। इस दौरान विभाग संघचालक जयप्रकाश लाल, भाग संघ चालक सुनील, नगर संघ चालक आर.एन. चौरसिया, विभाग प्रचारक कृष्णचंद्र, वि.सं.के. काशी प्रमुख राघवेन्द्र, देवर्षि, विपिन आदि की खास उपस्थिति रही।

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