कीव, 04 फरवरी (हि.स.)। युद्ध की आशंका के चलते यूक्रेन सीमा पर लंबे समय से रूसी सेना का जमावड़ा होने के बीच यूनिसेफ ने यूक्रेन के बच्चों पर पड़ने वाले इसके प्रभाव और उनके मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई है। यूनिसेफ ने अपने एक बयान में कहा है कि इलाके में टकराव के कारण उन्हें बुरे सपने, सामाजिक अलगाव और भयभीत होना पड़ रहा है।
यूनिसेफ ने दो बच्चों का अनुभव साझा करते हुए बताया कि इलिया (15) और अफिना (9) पर इस तनाव का विपरीत प्रभाव पड़ा है। उनके शरीर पर कोई चोट के निशान तो नहीं हैं, लेकिन मोर्टार के धमाकों ने उनके भीतर तक भय को व्याप्त कर दिया है। बच्चों के संदर्भ में यह बहुत ही भयावाह स्थिति है।
यूनिसेफ ने कहा कि व्यावहारिक रूप से सरकारी बलों और ज्यादातर रूसी समर्थक अलगाववादियों के बीच लड़ाई में फंसे हर बच्चे को अब मानसिक सामाजिक समर्थन की जरूरत है। इस समय यूक्रेन की सीमा पर रूस के करीब 1 लाख से अधिक सैनिक जमे हुए हैं और हर दिन इस संबंध में विश्व व्यापी चर्चा और रणनीति को लेकर खबर जारी है।