महाराजगंज, 04 फरवरी (हि.स.)। शुक्रवार को जिले के विभिन्न हिस्सों में हुई बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर वज्रपात कर दिया। सरसों, आलू और चने की सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गयी। हालांकि गन्ना और गेहूं की फसल उगाने वाले किसान थोड़ी राहत में हैं। जिन क्षेत्रों में ओले पड़े हैं सिर्फ़ उन आंशिक इलाकों में ही गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है।
गुरुवार की रात में शुरू हुई बरसात शुक्रवार को भी दिन भर रुक रुककर जारी रही। इससे सैकड़ों गांव की सैकड़ों एकड़ फसलें बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई हैं। जिन फसलों को नुकसान पहुंचा है उनमें गेहूं, चना, मटर, सरसों आदि की फसल शामिल हैं। यह नुकसान जिले के लगभग सभी तहसीलों में हुआ है। यह बात अलग है कि किसानों को कहीं आंशिक तो कहीं भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है।
जानकारी के मुताबिक जिले के सिसवा विधानसभा क्षेत्र के लक्ष्मीपुर, एकदंगा, शिवपुर नंदन आदि इससे बुरी तरह प्रभावित हैं। किसानों के मुताबिक बीती रात भी वर्षा के साथ ओलावृष्टि हुई। शुक्रवार को भी दोपहर बाद ओलावृष्टि से फसल बर्बाद हो गई है। इससे हाहाकार की स्थिति है।
इनका कहना है कि पिछले कई दिनों से मौसम खराब चल रहा था। लेकिन गुरुवार की रात और शुक्रवार के दिन में बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से फसलों का नुकसान हुआ है। दलहन और तिलहन की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। किसान अभी और बरसात व ओलावृष्टि की आशंका जता रहे हैं।
आंधी तूफान के बीच हुई ओलावृष्टि से नौतनवा ब्लॉक के बनवारी गांव के सीताराम के कटरैन का मकान उड़ गया है तो इस गांव के विश्वनाथ पटेल, राजेश कनौजिया, इंद्रासन पटेल, निजामुद्दीन अंसारी, लियाकत मियां की फसलें बर्बाद हो गईं हैं।
नौतनवा कुनसेरवा के नजदीक किसान अमरनाथ पांडेय, राधेश्याम चौधरी, राजेश मौर्या, मनोज अग्रहरि, राधेश्याम गुप्ता, वसीम लारी, शेषमणि साहनी, रामप्यारे यादव आदि की सब्जी, दलहन, तिलहन आदि की फसलें नष्ट नष्ट होने की सूचना है।