नई दिल्ली, 4 फ़रवरी (हि.स.)। स्थानीय लोगों को नौकरी में आरक्षण देने के मामले में हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। गुरुवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 75 प्रतिशत नौकरी राज्य के लोगों के लिए आरक्षित रखने के कानून पर रोक लगा दी थी।
आज हरियाणा सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इस मामले को मेंशन करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने मात्र 90 सेकंड राज्य सरकार की बात सुनी और आदेश पर रोक लगा दिया। उन्होंने चीफ जस्टिस से 7 फरवरी को सुनवाई करने के लिए लिस्ट करने का आग्रह किया। उसके बाद चीफ जस्टिस ने 7 फरवरी को सुनवाई करने का आश्वासन दिया।
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट ने बिना उसका पक्ष सुने एकतरफा रोक लगा दी है। हाईकोर्ट में फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने याचिका दायर किया था।
बता दें कि हरियाणा सरकार ने 6 नवंबर 2021 को स्थानीय लोगों को नौकरी में 75 फीसदी आरक्षण देने संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया था। ये 15 जनवरी से लागू हो गया।