नई दिल्ली, 04 फरवरी (हि.स.)। ग्यारहवीं शताब्दी में विश्व को समता, समानता, राष्ट्रीय एकात्मता और मानवता का संदेश देने वाले संत रामानुजाचार्य की जयंती पर विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) देशव्यापी कार्यक्रम आयोजित करेगी। यह जानकारी विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने शुक्रवार को दी।
आलोक कुमार ने कहा है कि यह एक संयोग ही है कि एक ओर भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है वहीं दूसरी ओर इस आजादी की रक्षा में समानता एवं सामाजिक समरसता के उद्घोषक संत रामानुजाचार्य की सहस्राब्दी का महोत्सव भी मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 5 फरवरी से शुरू होने वाले इन कार्यक्रमों में विहिप कार्यकर्ता देशभर में कार्यक्रम कर उनके संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करें।
विहिप नेता आलोक कुमार ने कहा कि हमें प्रसन्नता है कि सहस्राब्दी के इन कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तो रहेंगे ही, विहिप के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ उनको भी हैदराबाद स्थित आश्रम में आयोजित विविध कार्यक्रमों में सहभागी होने का सौभाग्य मिलेगा। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं और हिन्दू समाज से आह्वान किया कि वो रामानुजाचार्य जी के सहस्राब्दी समारोहों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें और उनके महान व्यक्तित्व एवं कृतित्व से सम्पूर्ण विश्व को आलोकित करें।
रामानुजाचार्य का जन्म 1017 में तमिलनाड़ु में हुआ था। देशभर में घूमकर उन्होंने वेदांत और वैष्णव धर्म का प्रचार किया। उन्होंने कई संस्कृत ग्रंथों की रचना की, जिसमें से श्रीभाष्यम् और वेदांत संग्रह सबसे प्रसिद्ध ग्रंथ रहे। सन् 1137 में वो बृह्मलीन हो गए थे।