नई दिल्ली, 03 फरवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद को बताया कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के बीच प्रवासी श्रमिकों के अपने गृह राज्यों में जाने के संबंध में बड़े पैमाने पर पलायन की मीडिया रिपोर्ट असत्य थीं। सरकार ने राज्यों को पलायन संबंधी अफवाह से सावधान रहने और त्वरित कदम उठाने के लिए कहा है।
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव ने गुरुवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि ओमिक्रोन संस्करण से उत्पन्न मौजूदा महामारी की स्थिति को देखते हुए, श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव ने सामान्य रूप से कामगारों और विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों के संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए 12 जनवरी, 2022 को एक समन्वय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में अपर मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों, राज्य श्रम विभागों के सचिवों और सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम आयुक्तों और रेल मंत्रालय और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों ने बताया कि कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रात के कर्फ्यू और सप्ताहांत के कर्फ्यू को छोड़कर, देश में निर्माण गतिविधियों, व्यावसायिक गतिविधियों, दुकानों के संचालन और औद्योगिक गतिविधियों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी तक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश सरकारों द्वारा लगाए गए सीमित प्रतिबंधों के कारण वर्तमान में प्रवासी श्रमिकों की असामान्य आवाजाही की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। मंत्री ने सदन को बताया कि प्रवासी कामगारों के अपने गृह राज्यों में जाने के संबंध में बड़े पैमाने पर पलायन की कुछ मीडिया रिपोर्टों को असत्य पाया गया और यह भी देखा गया कि कुछ समाचार पुरानी तस्वीरों पर आधारित थे।
मंत्री ने सदन को बताया कि केंद्र और राज्य सरकारें स्थिति पर कड़ी नजर रख रही हैं और यदि ऐसा होता है तो इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। कुछ राज्य सरकारों द्वारा कुछ स्थानों पर 50 प्रतिशत उपस्थिति पर प्रतिबंध लगाया गया है। अधिकांश राज्य सरकारों ने जरूरत पड़ने पर जरूरतमंद मजदूरों को राशन बांटने की योजना पहले ही बना ली है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने उनके पास उपलब्ध भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों (बीओसीडब्ल्यू) उपकर निधि और सामाजिक सुरक्षा कोष से वित्तीय सहायता प्रदान करने की तैयारी की है। रेलवे विशेष रूप से मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और सिकंदराबाद आदि जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है और स्थिति की मांग के अनुसार विशेष ट्रेनें उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्थानीय रेलवे अधिकारियों के साथ करीबी संपर्क बनाए रखने की सलाह दी गई है।
मंत्री ने सदन को बताया कि प्रवासी श्रमिकों के हितों की देखभाल के लिए राज्य सरकारें कड़ी नजर रख रही हैं और श्रमिकों को किसी भी कठिनाई से बचाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि श्रम आपूर्ति करने वाले राज्यों और श्रम प्राप्त करने वाले राज्यों दोनों को सलाह दी गई है कि जरूरत पड़ने पर किसी भी प्रवासी श्रमिकों की स्थिति से निपटने के लिए निकट समन्वय में काम करें।
उन्होंने सदन को बताया कि 24 करोड़ से अधिक असंगठित कामगारों ने ई-श्रम पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से अनुरोध किया गया है कि वे प्रवासी कामगारों का रिकॉर्ड रखने के लिए एक तंत्र स्थापित करें। उन्होंने कहा कि उन्हें उन सभी प्रवासी कामगारों को पंजीकृत करने की भी सलाह दी गई है, जिन्होंने अभी तक ई-श्रम पोर्टल पर अपना पंजीकरण नहीं कराया है, ताकि राज्य सरकारें प्रवासी कामगारों को उचित समय पर सामाजिक सुरक्षा लाभ की योजना बना सकें और उन्हें वितरित कर सकें।
मंत्री ने कहा कि मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) के कार्यालय द्वारा देश भर में 21 निगरानी केंद्र सक्रिय किए गए हैं। राज्यों को पलायन संबंधी अफवाह फैलाने से सावधान रहने और ऐसी अफवाहों को रोकने के लिए त्वरित कदम उठाने के लिए भी कहा गया है। उन्हें प्रवासी कामगारों को उनकी सुरक्षा, संरक्षा और आजीविका के बारे में आश्वस्त करने की सलाह दी गई है।