नई दिल्ली, 03 फ़रवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर इरादतन हत्या मामले में बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई 25 फरवरी तक के लिए टाल दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 12 सितंबर, 2018 को नवजोत सिंह सिद्धू की सजा बढ़ाने की मांग करने वाली पीड़ित पक्ष की ओर से दाखिल याचिका पर नवजोत सिंह सिद्धू को नोटिस जारी किया था। 15 मई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया था लेकिन धारा 323 का दोषी पाया था और उन पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने सह अभियुक्त रुपिंदर सिंह संधू को भी बरी कर दिया था।
मामला 1988 में पटियाला में हुई मारपीट की एक घटना का है। ट्रायल कोर्ट ने सिद्धू को बरी कर दिया था, जबकि हाईकोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू और रुपिंदर सिंह संधू दोनों को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराते हुए 3 साल की सज़ा मुकर्रर की थी। सिद्धू के वकील ने ये दावा किया था कि 1988 में गुरनाम की मौत की वजह सिद्धू का घूंसा नहीं, बल्कि दिल का दौरा थी। निचली अदालत ने सिद्धू को बरी कर दिया था, लेकिन पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें 3 साल की सजा सुनाई थी ।
सिद्धू की तरफ से कहा गया था कि इस मामले में कोई भी गवाह खुद से सामने नहीं आया। जिन भी गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं, उनको पुलिस सामने लाई थी। गवाहों के बयान विरोधाभासी हैं। सिद्धू के वकील ने चश्मदीद गवाह की सच्चाई पर सवाल उठाए। गुरनाम के भतीजे ने कहा था कि पुलिस ने उनकी कार को तुरंत कब्ज़े में लिया था परन्तु जांच अधिकारी इससे मना कर चुके हैं। सिद्धू के लिए पेश वकील पी चिदंबरम के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने 25 फरवरी तक के लिए सुनवाई टाली है।