नई दिल्ली, 02 फ़रवरी (हि.स.)। विश्व आर्द्रभूमि दिवस के अवसर पर देश के दो और वन्य जीव अभयारण्य को रामसर स्थलों में शामिल कर लिया गया है। इसमें गुजरात से खिजादिया और उत्तर प्रदेश से बखिरा वन्य जीव अभयारण्य शामिल हैं। इसी के साथ देश में अब कुल 49 रामसर स्थल हो गए हैं।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस के अवसर पर आयोजित सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान एवं रामसर आर्द्रभूमि में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में दशकीय परिवर्तन एटलस जारी किया गया।
इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि आने वाले सालों में रामसर साइट की संख्या 75 करने का संकल्प रखा है। उन्होंने कहा कि देश में पिछले साल हरियाणा के दो राष्ट्रीय उद्यानों सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान और भिंडावास पक्षी विहार को शामिल किया गया था। इस साल दो और वन्यजीव अभयारण्य को रामसर साइट में जगह मिली है। यह एक गर्व की बात है।
आर्द्रभूमि के महत्व पर जोर देते हुए भूपेन्द्र यादव ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए जहां वन फेफड़ों की तरह वायु को शुद्ध करने का काम करते हैं, वहीं नमभूमि प्रकृति की किडनी की तरह काम करती है। इसलिए इन दोनों को संरक्षित रखना बेहद जरूरी है।
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान के आसपास विकसित होगा ईको टूरिज्मः मनोहर लाल
इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान के आसपास ईको टूरिज्म विकसित किया जाएगा। यहां लोगों के सहयोग से होम स्टे पॉलिसी लागू की जा सकती है ताकि यहां आने वाले लोगों को ठहरने की अच्छी व्यवस्था मिले। इसके साथ ही वे ग्रामीण लोगों की संस्कृति से भी रूबरू हो सकें। उन्होंने कहा कि लोगों को प्रकृति के साथ तालमेल बनाते हुए विकास करना चाहिए। हमारा राज्य प्रकृति की पूजा करने वाला राज्य है। सरकार ने राज्य में प्रकृति और वनों के संरक्षण के लिए कई ऑक्सी वन बनाए हैं। हरियाणा में 75 साल के ज्यादा उम्र वाले पेड़ की देख रेख करने वालों को 2500 रुपये भी दिए जाते हैं। इसके साथ राज्य में प्राकृतिक खेती पर भी जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 18000 तालाब हैं, जिसमें से 6 हजार तालाबों की खुदाई कर उन्हें साफ भी किए जा रहे हैं। उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण पर जोर देते हुए सभी की भागीदारी का आह्वान किया ।
उल्लेखनीय है कि विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2 फरवरी, 1971 को ईरानी शहर रामसर में आर्द्रभूमि पर कन्वेंशन को अपनाने की तारीख के लिए चिह्नित है। इस वर्ष का विषय वेटलैंड्स एक्शन फॉर पीपल एंड नेचर है, जो मनुष्यों और ग्रहों के स्वास्थ्य के लिए आर्द्रभूमि के संरक्षण और सतत उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए कार्यों के महत्व पर प्रकाश डालता है।