नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय बजट में भारतीय रेलवे के लिए गत वर्ष के मुकाबले अधिक राशि आवंटन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि इससे हमें निवेश की कमी के कारण काफी लंबे समय से लंबित रेल परियोजनाओ को पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारा फोकस क्षमता और सुरक्षा पर रहेगा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने बजट में रिकॉर्ड निवेश को मंजूरी दी है और यह बजट रेलवे के लिए एक स्पष्ट रोड मैप देता है। केंद्रीय बजट में सरकार ने रेलवे के लिए 1.37 लाख करोड़ रुपये के पूंजी निवेश का प्रावधान किया है। इससे हमें निवेश की कमी के कारण काफी लंबे समय से लंबित रेल परियोजनाओ को पूरा करने में मदद मिलेगी। इन प्रोजेक्ट के पूरा होने से रेलवे की क्षमता और इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होगा ।
बजट में नई पीढ़ी की 400 वंदे भारत ट्रेनों की घोषणा पर रेल मंत्री ने कहा कि यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार वाली स्वदेशी वंदेभारत ने दुनिया भर में हलचल मचा दी थी। स्वदेशी वंदेभारत को देश का गर्व बताते हुये उन्होंने कहा कि 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली तकनीक का वर्जन-1 पहले से ही चल रहा है। वर्जन-2 का डिजाइन कंपलीट हो गया है और उसकी मैन्यूफैक्चरिंग चल रही है और अप्रैल में इसकी टेस्टिंग शुरु की जाएगी। अगले अगस्त-सितंबर से उसका सीरियल प्रोडक्शन चालू हो जाएगा। बजट में उसका भी नया जनरेशन तैयार करने का आज लक्ष्य मिला है।
उन्होंने कहा कि बजट में स्टेशनों के लिए भी बुहत अच्छा ब्लूप्रिंट तैयार किया है। इसे रिवाइज एस्टीमेंट में आगे लेकर जाना है। तीन महीने पहले ही 12 हजार करोड़ रुपये मंजूर हो गये थे।
भारतीय रेलवे का 2 हजार किमी रेल मार्ग ‘कवच’ से लैस करने की घोषणा के संबंध में उन्होंने कहा कि स्वदेशी रूप से विकसित टक्कर रोधी तकनीक कवच सिल 4 प्रमाणित है जिसका अर्थ है कि 10,000 वर्षों में केवल एक त्रुटि की संभावना ।
उन्होंने कहा कि छोटे उद्यमियों और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों, महिला स्वयं सहायता समूहों को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए डाक और रेलवे को एकीकृत करने की पहल की गई है। डेढ़ लाख डाक घर और आठ हजार स्टेशनों में समन्वय स्थापित किया जाएगा।
रेल मंत्री ने एनटीपीसी श्रेणी की परीक्षा मामलों पर एक सवाल के जवाब में कहा कि रेल मंत्रालय छात्रों की मांगों के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे की तलाश के लिए पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों की शिकायतों को दूर करने के लिए बनाई गई समिति को छात्रों से एक लाख से अधिक अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं और प्रक्रिया पूरी होने के बाद हम अंतिम निर्णय लेंगे।