Supreme Court : मुंबई और अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट से जुड़े दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने किया रद्द

नई दिल्ली, 01 फ़रवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन को मुंबई और अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के संबंध में एक डिपो बनाने और विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी मोंटे कार्लो लिमिटेड की बोली पर विचार करने का निर्देश दिया गया था। जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि द्विपक्षीय समझौते पर विदेशी फंडिंग वाली मेगा प्रोजेक्ट में न्यायिक हस्तक्षेप राष्ट्र हित में नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि न्यायिक हस्तक्षेप की वजह से जो देरी होगी, वो व्यापक जनहित में नहीं हो सकता है। दिल्ली हाईकोर्ट ने अगस्त 2021 में आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालतों की ओर से इस तरह का हस्तक्षेप और इस तरह के प्रोजेक्ट में देरी विकसित देश की ओर से विकासशील देश के लिए भविष्य के निवेश या फंडिंग को प्रभावित कर सकते हैं।

कोर्ट ने कहा कि कई बार प्रोजेक्ट में देरी के कारण वित्तीय बोझ पड़ता है। इसलिए निविदा प्रक्रिया या करार के पूरा होने तक न्यूनतम हस्तक्षेप या कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि एक विकासशील देश के लिए इतनी ऊंची लागत वाले प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना तब तक मुश्किल है, जब तक विकसित देश फंडिंग करने के लिए तैयार नहीं हों।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *