मुंबई, 1 फरवरी (हि. स.)। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोगों के मन की बात केंद्रीय बजट में नजर नहीं आ रही है। इस बजट में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई और आम व्यक्ति पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। यह बजट दिशाहीन व सर्वसामान्य का मजाक उड़ाने वाला है।
उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि इससे पहले केंद्र सरकार के बजट में सर्वसामान्य लोगों की आशाएं प्रल्लवित होती रही है लेकिन वर्ष 2022-23 के बजट लोगों की आशा प्रल्लवित करने का कोई प्रावधान नहीं है। इससे पहले बजट में किसानों की आय दोगुना करने, भारत की आर्थिक व्यवस्था पांच ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का वादा किया गया था, लेकिन यह सब कुछ भी कहीं नजर नहीं आ रहा है। बजट में पुराने लक्ष्य की पूर्ति क्यों नहीं हुई इसका कारण भी नहीं बताया गया है। बजट में नरेगा को महत्व नहीं दिया गया है, इसका असर ग्रामीण जनता पर पडऩे वाला है। बजट में 80 लाख घर बनाने का वादा किया गया है, लेकिन लोगों की क्रयशक्ति बढ़ाने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है, इसलिए यह घर खरीदेगा कौन, यह सवाल उठने लगा है।