नेप्यीतॉ, 01 फरवरी (हि.स.)। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट का एक साल 1 फरवरी को पूरा हो गया। एक वर्ष पहले तख्तापलट के बाद गिरफ्तार म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सू की के खिलाफ चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों पर सुनवाई 14 फरवरी को होगी।
नवंबर 2020 में हुए म्यांमार के चुनाव में आंग सान सू की की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने जीत दर्ज की थी। राज्य चुनाव आयोग ने पिछले साल नवंबर में सू की के खिलाफ चुनाव धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। इस आयोग के सदस्यों को सैन्य सरकार ने नियुक्त किया था। इसी मामले में आगामी 14 फरवरी को सुनवाई होगी। जुर्म साबित होने पर तीन साल कारावास का प्रावधान है।
म्यांमार में बीते वर्ष एक फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद एक वर्ष के लिए इमरजेंसी की घोषणा कर दी गयी थी। इसके बाद से वहां सेना के खिलाफ उठ रही आवाजों का जवाब गोली से दिया जा रहा है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया के अन्य देशों से म्यांमार में हिंसक अभियान रोकने के लिए दबाव बनाने की मांग भी की है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने म्यांमार में सेना से देश के नागरिकों के खिलाफ हिंसा रोकने और नागरिक शासन की बहाली की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि ये म्यांमार में मानवाधिकार और लोकतंत्र की बहाली के लिये तात्कालिकता के साथ प्रयास बढ़ाने का समय है। साथ ही ये यह सुनिश्चित करने का भी समय है कि देश में व्यवस्थागत मानवाधिकार हनन और जनता के साथ हो रहे दुर्व्यवहारों की जवाबदेही निर्धारित की जाए।