नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किया गया इस बार का बजट अबतक का सबसे पूंजीवादी बजट है। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री के पूरे भाषण में केवल दो बार गरीब शब्द का प्रयोग हुआ है। लोग इस तरह के पूंजीवादी बजट को नकार देंगे।
चिदंबरम ने कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने अगले 25 साल की योजना बजट में दी है लेकिन यह आश्चर्य और स्तब्ध कर देने वाला है कि सरकार मानती है कि वर्तमान को तव्वजो देने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों को कहा गया है कि वह अमृत काल आने तक इंतजार करें।
चिदंबरम ने कहा कि लगभग 60 लाख छोटे उद्योग बंद हो गए हैं। 84 प्रतिशत लोगों की आमदनी कम हो गई है। प्रति व्यक्ति आय कम हो गई है। 4.6 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे चले गए हैं। इन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। ऐसे में आज का बजट कुल मिलाकर पूँजीवादी बजट है।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने अपने भाषण में डिजिटल, पोर्टल, आईटी-आधारित, पेपरलेस, डेटाबेस, इकोसिस्टम, ग्लोबल, आत्मनिर्भर शब्दों का कई बार उपयोग किया है। वहीं, गरीब शब्द पैराग्राफ 6 में केवल दो बार आता है। हम वित्त मंत्री को यह याद रखने के लिए धन्यवाद देते हैं कि देश में गरीब लोग भी हैं।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार यह दर्शाने की कोशिश करती है वह सही रास्ते पर है और आम लोगों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान दे रही है। यह गलत है। सरकार लोगों के बोझ और कष्टों को अनदेखा कर रही है।
उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम, खाद, कृषि, फसल बीमा और मनरेगा पर आज के बजट में सब्सिडी कम दी गई है। एक साल में 5 करोड़ नौकरी का वादा घटकर 5 साल में 60 लाख नौकरियों तक पहुँच गया है।